बेटी का ब्याह गरीब पिता के लिए होता है जीवन भर का स्वप्न कई बार देखा…
Tag: काव्य
काव्य-डॉ नथमल झंवर
प्राइवेट अस्पताल एक पेशेन्ट, सर्दी-खांसी दिखाने प्राइवेट अस्पताल आया पांच सौ की फीस पटा डाक्टर को…
काव्य-सतीश लखोटिया
ईश्वर तेरे यह भी रूप अंधेरा, प्रकाश, अभिमान वाणी। का चल रहा था विचार-विनिमय गोष्ठी का…
काव्य-आनंद तिवारी पौराणिक
बसंत में आस लौट आई हैं सगुन-चिरैयां घर के कंगूरों पर गुलमोहर की डालियां छतरा गई…
काव्य-राजेश जैन राही
राही के दोहे 1-शोर करे मिटती नहीं, ओछेपन की धूल। सच्चे कर्मों से खिले, कीचड़ में…
पदमश्री धर्मपाल सैनी की कवितायेँ
पदमश्री धर्मपाल सैनी की कवितायेँ पृच्छा -1- काम पृच्छा आयु में अमर है, अस्तित्व हित…