हाइकू पावन प्यार करो तो पाओ सजा ये कैसी बात! प्यार है पूजा मन में जपो…
Category: हाइकू
उर्मिला आचार्य की कविता एवं हाइकू
टेढ़े-मेढ़े रास्ते पूनम की रात मेला मंडई के बाद लौट रही मां-बेटी साथ-साथ दूर गांव घर…
हाइकू-गोपीनाथ कालभोर
भक्ति बाहर भीतर कुछ और शक्ति का घर। भगवान भी खुश उस पर है जो राक्षस…
काव्य-पुरषोत्तम चंद्राकर
हाइकू जल तरंग इंद्रधनुष रंग मन पतंग। मखमल में टाट पर पैबंद बेजान रिश्ते। गुरू की…
हाइकु-केशव शरण
पावसवश पोखरे की पेंदी में पानी हो गया। वक्त पे आके ट्रेन आउटर पे घंटों से…
हाइकू-विभा रश्मि
पेशेवर प्रेमी खुली रखे खिड़की तके लड़की। कमल कींच खिला तलैया बीच नशे में भौंरा। भ्रमर…
हाइकू-डॉ. रघुनंदन चिले
हाइकू हाइकू लघु अभिव्यक्ति सटीक सशक्त विधा। कविता वही जो भावबोध देय बाकी की हेय। अपराध…
हाइकू-रजनी साहू
जल तरंग इंद्रधनुषी रंग मन पतंग मखमल में टाट के पैबंद बेजान रिश्ते गुरू की बानी…
हाइकू-डॉ. सुरेश तिवारी
उचित युक्ति संभव कर देती सारे काम को. बात कहते प्रकृति व विवेक सदा एक ही.…
हायकू-उषा अग्रवाल ‘पारस’
करे आहत झुर्रियां, झिड़कियां ज़िन्दा चाहत. फैला देता है सन्नाटा ही सन्नाटा यादों का शोर. भैय्या…