वह वृक्ष वह वृक्ष, जिसमें बनाए थे पंछियों ने घोंसले, वह वृक्ष, अब बदल गया है।…
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काव्य-रमेश जैन राही
पहुँच एक अधिकारी के रवैये से जब नागरिक त्रस्त रहने लगे तो उनकी शिकायत उच्च स्तर…
काव्य-नज़्म नफरत निकाल के-ज़ाल अन्सारी
नज़्म नफरत निकाल के दोस्ती का फूल ये बेमिसाल हैं इस फूल को यारा रखना संभाल…
काव्य-डॉ. के. के. अग्रवाल
वह मेरे घर आई है वह मेरे घर आई है दबे पांव, कई दिनों से आ…
काव्य-वर्षा रानी-विजय वर्धन
वर्षा रानी फिर आयी ऋतुओं की रानी वर्षा रानी, वर्षा रानी। गर्मी ने था खूब सताया…
काव्य-डॉ कौशलेन्द्र मिश्र
विश्वगुरु की राह पर सरस्वती के मन्दिर में सात साल के बच्चे की हत्या पाँच साल…
काव्य-मां का रिश्ता-प्रा.डॉ.प्रकाश वि. जीवने
मां का रिश्ता मां के आगे कोई छोटा न बड़ा ईश्वर भी होते उसके आगे एक…
काव्य-कोई परचम-रोज़लीन
कोई परचम …..प्रेम करते हो! आकाश की हथेलियों में उछलते रंगों के भुरभराते गुब्बारे बरबस फूट…
काव्य-धनेश यादव
आज का गीत घने जंगलों और पहाड़ों पर उनका निवास स्थान। कमर में पटका, माला-मूंदरी, थोड़ा-सा…