व्यंग्किाएं नसीहत मैंने, एक भ्रष्टाचारी की लानत मलानत की…! और ऊपर से अच्छी नसीहत दी…! उसने…
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काव्य -धरनीधर सिंह
हंसना-जीवन का वरदान हंसी पुष्प है जीवन का मोहक और वरदायक मानव की पहचान प्रसन्नता सुरभि…
काव्य-वंदना राठौर
बनारसी साड़ी-पहला प्यार पुराने संदूक में पुराने छायाचित्रों, चूड़ियों, गुड़ियाओं ग्रीटिंग कार्डों, फ्राकों के नीचे एक…
काव्य-श्रीमती शैल दुबे
शक्ति स्वरूपा बेटियां शक्ति स्वरूपा वजूद तुम्हारा नई सदी ने अब स्वीकारा। दो ही फूल से…
बढ़ते कदम-हेमंत बघेल
महाप्रभु किरपा करा (हल्बी) भूखे पेट रहुन पेज पसिया खाउन बेटा के पढ़ाले। महाप्रभु (सरकार)…
काव्य-राम नारायण मीणा ‘मित्र’
मातृत्व का अधिकार यूं तो आज भी हम भारतीय संस्कृति का बिम्ब मातृत्व के आइने में…
यशवंत गौतम की कविता
खामोशी साल-सरई जंगल-खेत घोटुल-मांदर-रेला गीत सब खामोश जिन्दगी खामोश ऐसे में सूरज कांपता दे जाता है…
रश्मि पाठक की कवितायेँ
मालूम होगा शायद तुम जो यहां बैठे अख़बारों में ख़बरें ढूंढ़ा करते हो ख़बरें जो लिखीं…