कविता का रूप कैसे बदलता है देखें जरा। नये रचनाकार ने लिखा था, नवीन प्रयास था…
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सुनील श्रीवास्तव की कविता
मेरा शहर सुबह देखता हूं शाम देखता हूं पुराने शहर का नया मंजर देखता हूं। मिला…
जे.कुमार संघवी की कविता
अब तक कुछ भी नहीं मिला है सड़सठ सालों में भारत को आजाद करने लाखों ने…
पुस्तक अंश : मन्नू भंडारी जायेगा मंगल पर
मन्नू भंडारी जायेगा मंगल पर चारों साथ ही बैठे, सुशीला ने बड़े ही सधे हाथों से…
श्रीमती शैल चन्द्रा की कवितायेँ
शहरों से होड़ लेता गांव गांव अब नहीं रह गया गांव शहरों से होड़ लेता फिर…
अंक-4-बहस-कहानी प्रतियोगिता के बहाने
कहानी प्रतियोगिता के बहाने बस्तर पाति कहानी प्रतियोगिता में आपका स्वागत है। इस नयी पत्रिका के…
अंक-4-फेसबुक वाल से-संतोष श्रीवास्तव की फेसबुक वाल से
नज़्म ये बारिश की बूंदें मुसलसल बरसती निगाहों में कितनी असीसें उमड़ती हरएक घर के आंगन…
बस्तर पाति कहानी प्रतियोगिता-1, तृतीय पुरस्कार-माला वर्मा
पीर पर्वत सी पिघलने लगी जब से शारदा देवी ने इकलौते बेटे के सिर मौर बांधा…
डॉ.श्रीहरि वाणी की कवितायेँ
इन्द्र धनुष के साए में…… इन्द्र धनुष के साए में, लिखते गये अनुबंध नये मादक गंधी…
अंक-4-फेसबुक वाल से-प्रमोद जांगिड़ की वाल से
माटी के लोग काठ, पत्थर औैर गारे से बने मकान भूकंप सह न सके ढह गये…