यह बस्तर खुद ही बोल रहा है मैं अबूझ वनवासी बस्तरिया क्या बोलूं यह बस्तर खुद…
Category: काव्य
काव्य -केशरीलाल वर्मा
कफन ये कवि, तुम लिखते हो हरदम, दुनिया की हर कड़ियों पर कविता। कफन सा चादर…
काव्य-सतीश लखोटिया
ईश्वर तेरे यह भी रूप अंधेरा, प्रकाश, अभिमान वाणी। का चल रहा था विचार-विनिमय गोष्ठी का…
काव्य-आनंद तिवारी पौराणिक
बसंत में आस लौट आई हैं सगुन-चिरैयां घर के कंगूरों पर गुलमोहर की डालियां छतरा गई…
काव्य-राजेश जैन राही
राही के दोहे 1-शोर करे मिटती नहीं, ओछेपन की धूल। सच्चे कर्मों से खिले, कीचड़ में…
पदमश्री धर्मपाल सैनी की कवितायेँ
पदमश्री धर्मपाल सैनी की कवितायेँ पृच्छा -1- काम पृच्छा आयु में अमर है, अस्तित्व हित…
काव्य-संतोष श्रीवास्तव
तस्वीर बहुत लोग मिले जीवन में मन को बहलाने गम को, गले लगाने। बहुत लोग मिले…
ग़ज़ल- सुनीति बैस
ग़ज़ल वही मंजिलों की दिशा जानता है बता देगा, वो रास्ता जानता हैै। मुझे क्या पता…
काव्य -धरनीधर सिंह
हंसना-जीवन का वरदान हंसी पुष्प है जीवन का मोहक और वरदायक मानव की पहचान प्रसन्नता सुरभि…
काव्य-वंदना राठौर
बनारसी साड़ी-पहला प्यार पुराने संदूक में पुराने छायाचित्रों, चूड़ियों, गुड़ियाओं ग्रीटिंग कार्डों, फ्राकों के नीचे एक…