प्यार के लिए प्यार के लिए जीता है कोई, प्यार के लिए तड़पता है कोई. अंबर…
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काव्य-माधुरी राऊलकर
घर से लड़ना इधर से लड़ना या उधर से लड़ना आसान नहीं अपने घर से लड़ना.…
काव्य-डा.सुजय कुमार शरण
वेलेन्टाइन डे खुद को खुश करने के मुझे मालूम हैं ढेर सारे तरीके वेलेन्टाइन डे को…
काव्य-कुमार प्रवीण सूर्यवंशी
अजीब सन्नाटा शेर, वनभैंसा और हिरण सज गये रईसों की बैठक में सन्नाटा ही सन्नाटा है…
लघुकथा-अखिल रायजादा
पहला संगीत रोज की तरह एक गर्म, बेवजह उमस भरा दिन. पसीने में नहाते, किसी तरह…
काव्य-कमलेश चौरसिया
‘‘मैं…..मैं….और….मैं!’’ यह पृथ्वी मेरी है यह ब्रम्हांड मेरा है यह सम्पत्ति मेरी है मैं जो चाहूं-…
काव्य-ब्रजेश नंदन सिंह
कहीं खो न जाये वसंत ये डर है कि गहरे अतल में कहीं खो न जाये…
काव्य-श्रीमती सुषमा झा
वो चुप है सब उससे बार-बार कहते हैं लो यह आसमां तुम्हारा है उड़ लो चाहे…
काव्य-नरेन्द्र यादव
गीत-1 तैंहा छत्तीसगढ़ ला घुमा ले संगी ओकर महिमा गाले ओकर महिमा गाले संगी ओकर गुण…