‘‘जरूर चलूंगा आपका घर है न वहाँ. – लालाजी लगभग अचानक ही थम गये थे कदम।…
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चक्रधर शुक्ल की कविता
काजल चुराना रूपसी ने आंख का काजल चुराया बुजुर्ग बोला इस उम्र में तुमने काजल क्यों…
लाला जगदलपुरी-संस्मरण-धनेश यादव
लाला जगदलपुरी से मेरी मुलाकात 15.04.2001 को कोण्डागांव में आदरणीय रावल सर के काव्य संग्रह ‘‘कुचला…
सुमन शेखर की कवितायेँ
मुझे प्रतीक्षा है मुझे प्रतीक्षा है सूरज मेरे भीतर पसर जाये और अपनी रश्मियों से मिटा…
रामचरण यादव ‘याददाश्त’ की कविता
अजब कहानी कहीं होंठो पे हंसी, कहीं आंखों में पानी है कुदरत ने ही लिखी, कर्मो…
प्रो.भगवानदास जैन की ग़जल
ग़ज़ल यूं तो हरेक शख़्स की तक़दीर है जुदा। आंसू सभी के एक-से पर पीर है…
तरूण कुमार लाहा की कवितायेँ
स्त्री होने का अहसास-1 भूलना चाहती हूं मैं अतीत की परछाईयों में छिपे अपने उजास भरे…
अंक-3-कविता कैसे बदले तेरा रूप
कविता का रूप कैसे बदलता है देखें जरा। नये रचनाकार ने लिखा था, नवीन प्रयास था…
के प्रिया की कविता
पिंजरा कहीं भी जाऊं, मेट्रो की गंध हवा में फैली है मेरी जड़ें सांसें खींचती इन…
पूर्णिमा सरोज की कवितायेँ
आमंत्रण आओ मैं तुम्हें, अपने मौन भाषण में बस, एक बार, तुम मेरे जख़्मों की गहराई…