आसमान धरती पर गड़ा वृक्ष, आसमान की ओर बढ़कर फलेगा। आसमान की वर्षा से, धरती का…
Category: पद्य
बढ़ते कदम-ओम प्रकाश ध्रुव की कविताएं
अनजान निकल पड़ा हूँ अनजान डगर पे, शायद मंज़िल मिले इसी सफ़र पे। उम्मीद की…
सुरेन्द्र रावल की कविता
वह वृक्ष वह वृक्ष, जिसमें बनाए थे पंछियों ने घोंसले, वह वृक्ष, अब बदल गया है।…
काव्य-रमेश जैन राही
पहुँच एक अधिकारी के रवैये से जब नागरिक त्रस्त रहने लगे तो उनकी शिकायत उच्च स्तर…
काव्य-नज़्म नफरत निकाल के-ज़ाल अन्सारी
नज़्म नफरत निकाल के दोस्ती का फूल ये बेमिसाल हैं इस फूल को यारा रखना संभाल…
काव्य-डॉ. के. के. अग्रवाल
वह मेरे घर आई है वह मेरे घर आई है दबे पांव, कई दिनों से आ…
काव्य-वर्षा रानी-विजय वर्धन
वर्षा रानी फिर आयी ऋतुओं की रानी वर्षा रानी, वर्षा रानी। गर्मी ने था खूब सताया…
लघुकथा-भगवान की भक्ति-मदन देवड़ा
भगवान की भक्ति नित्य की तरह दस बजते ही मैं स्कूल की ओर रवाना हो चुका…