किसान का गीत…. बीज फसल में परिणित कर दूं हाथों में जब-जब मैं हल लूँ ऊसर…
Category: काव्य
मुकेश मनमौजी की कविताएं
रात अंधेरी सन्नाटा पसरा हुआ आकाश में चाँद बादल की ओट में अनायस चटकती सी आवाज…
प्रीति प्रवीण खरे की कविताएं
द्रोपदी हाथ पकड़ कर दुशासन मौन सभा में लाया पांडव कुछ भी न बोले माँं का…
बढ़ते कदम- अनिता चांडक की कविताएं
आसमान धरती पर गड़ा वृक्ष, आसमान की ओर बढ़कर फलेगा। आसमान की वर्षा से, धरती का…
बढ़ते कदम-ओम प्रकाश ध्रुव की कविताएं
अनजान निकल पड़ा हूँ अनजान डगर पे, शायद मंज़िल मिले इसी सफ़र पे। उम्मीद की…
सुरेन्द्र रावल की कविता
वह वृक्ष वह वृक्ष, जिसमें बनाए थे पंछियों ने घोंसले, वह वृक्ष, अब बदल गया है।…
काव्य-रमेश जैन राही
पहुँच एक अधिकारी के रवैये से जब नागरिक त्रस्त रहने लगे तो उनकी शिकायत उच्च स्तर…