बेबस पार्क में कहीं बच्चे अपने माता-पिता की उंगली थामें खुशी से यहां-वहां देख रहे हैं।…
Category: गद्य
गद्य आधारित विधाओं का स्तम्भ
लघुकथा-राज हीरामन
प्रधानमंत्री की कुर्सी कितने की ? पार्टी-नेता का यह तीसरा चुनाव था। यानी वे तीसरी बार…
लघुकथा-देवेन्द्र कुमार मिश्रा
हिसाब पिता यदा-कदा कहते रहते थे-‘‘तुम्हारी पढ़ाई-लिखाई पर मेरे लाखों रूपये खर्च हो गये।’’ बेटा पढ़-लिखकर…
लघुकथा-कमलेश चौरसिया
दादाजी की आत्मा ‘‘चल अपुन जादू-जादू खेलेंगे!’’ ‘‘कहां भैया ?’’ ’’अरे, ऊपर गच्ची में। वो पानी…
लघुकथा-कृष्णचंद्र महादेविया
पुण्य लाभ प्रेमू राम ठाकर की अमीरी का रौब कार में आए तीनों समाज सेवियों पर…