लघुकथा-छत्रसाल साहू

1-काश

चार बूढ़े मनुष्य खेत में घास चर रहे थे। दो जानवर आपस मैं बात कर रहे थे।
पहलाः चारों अब दूध नहीं देते और अब बयाने की भी कोई संभावना नहीं।
दूसराः उसको बेच दे कुछ तो मिल जायेगा।
2-दो बूंद

कटनी रेलवे स्टेशन पर सुबह 9 बजे कामायनी एक्सप्रेस रूकी।
जनरल बोगी मंे धड़ाधड़ 4-5 सफेदपोश लोग घुसे। एक फटा चिथड़ा पहने औरत की गोद में 2-3 साल के बच्चे को बल पूर्वक सबने दो बूंद पिलाई। फोटोग्राफर जो कि पूरी तरह तैयारी के साथ था, ने फोटो खीचीं और सभी आंधी की तरह उतर गये।
औरत ने मुझसे कहा-भैया दो रू दे दो बिस्कुट लूँगी। बच्चे ने कल से कुछ नहीं खाया। मैंने बीस रू दिये और उतर गया।
दूसरे दिन समाचार पत्र में फोटो और लेख देख कर दंग रह गया..।
3-अदालत

मैंः साब आज फैसला करा दीजिए। यहां आते आते थक गया हूँ।
वकीलः फैसला तो हो गया है। उच्च न्यायालय में अपील करनी पड़ेगी। फीस का इंतजाम करो, हाँ और कल आना।
4-भूणहत्या

लड़कीः आप कुछ लीजिए।
मैंः धन्यवाद।
लड़कीः आप कहां तक पढ़े हैं ?
लड़काः जी…… बी. काम.।
लड़कीः कितने प्रतिशत ?
लड़काः पैंसठ प्रतिशत
लड़कीः बारहवीं में ?
लड़काः जी पचपन प्रतिशत।
लड़कीः क्या करते हो ?
लड़काः जी…एक प्राइवेट कम्पनी मे क्लर्क हूँ।
लड़कीः जी धन्यवाद। हम 1-2 दिन में जवाब दे देंगे।
मैंः बिटिया जल्दी जवाब देना, बेटे की उम्र हो रही है।
5-जज साहब

पत्नी( पति का कोट लेते हुए)ः आज बहुत थके लग रहे हो। क्या बात है ?
जज साहबः सबूत के अभाव में वो छूट गया।
6-पाजीटिव

मैंः डॉक्टर! ये मेरी रिपोर्ट है।
डॉक्टरः (ध्यान से देखते हुए) ह..म..म..म..
मेरे माथे सेे पसीना टपक रहा था।
मैंः सब ठीक तो है।
डॉक्टरः पाजिटीव है।
7-रिक्शा

मैंः बड़ी स्टेशन चलो।
रिक्शा वालाः बाबूजी 15 रू होंगे।
मैंः लूट मचा रखी है। 5 रू दूंगा।
रिक्शा वालाः बाबूजी धूप है। 10 रू लगेंगे।
मैंः काला चश्मा लगा कर चलो।


क्षत्रसाल साहू
द्वारा-श्री समीर कुमार
एमएस-16/10 बंगाल अंबुजा, उर्वशी द्वितीय फेस, सिटी सेन्टर
दुर्गापुर जिला-वर्धमान, प.बंगाल, पिन-713216
मो.-7407304888