लघुकथा-करमजीत कौर

चबूतरा भाई जान ने नया घर बनवाया। गृहप्रवेश पर हम सब उनके घर गये। आलीशान, खूबसूरत!…

लघुकथा-अखिल रायजादा

मजबूत अर्थव्यवस्था आजकल शक्कर राशन की सरकारी दुकान में आ नहीं पाती है, पता नहीं कहाँ…

लघुकथा-विमल तिवारी

बातों का जादू अपने शहर को छोड़कर मुझे नौकरी के लिए दूसरे शहर आना पड़ा। मां…

लघुकथा-रउफ परवेज

फ़रेब सुरेखा एक गरीब परिवार की युवती होने के कारण चार क्लास पढ़ कर ही पढ़ाई…

लघुकथा-अवधकिशोर शर्मा

बारात डॉ.विजयेन्द्र के भाई की शादी की बारात निकली थी। उन्होंने चुनिंदा और सीमित लोगों को…

लघुकथा-पूर्णिमा सरोज

बेबस पार्क में कहीं बच्चे अपने माता-पिता की उंगली थामें खुशी से यहां-वहां देख रहे हैं।…

लघुकथा-रीना जैन

अंतर अस्पताल में बीमार मां की सेवा कर रही थी कुंवारी बहन। तभी उसका शादीशुदा भाई…

लघुकथा-कमलेश चौरसिया

दादाजी की आत्मा ‘‘चल अपुन जादू-जादू खेलेंगे!’’ ‘‘कहां भैया ?’’ ’’अरे, ऊपर गच्ची में। वो पानी…

लघुकथा-राज हीरामन

प्रधानमंत्री की कुर्सी कितने की ? पार्टी-नेता का यह तीसरा चुनाव था। यानी वे तीसरी बार…

लघुकथा-देवेन्द्र कुमार मिश्रा

हिसाब पिता यदा-कदा कहते रहते थे-‘‘तुम्हारी पढ़ाई-लिखाई पर मेरे लाखों रूपये खर्च हो गये।’’ बेटा पढ़-लिखकर…