चबूतरा भाई जान ने नया घर बनवाया। गृहप्रवेश पर हम सब उनके घर गये। आलीशान, खूबसूरत!…
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लघुकथा-अखिल रायजादा
मजबूत अर्थव्यवस्था आजकल शक्कर राशन की सरकारी दुकान में आ नहीं पाती है, पता नहीं कहाँ…
लघुकथा-विमल तिवारी
बातों का जादू अपने शहर को छोड़कर मुझे नौकरी के लिए दूसरे शहर आना पड़ा। मां…
लघुकथा-रउफ परवेज
फ़रेब सुरेखा एक गरीब परिवार की युवती होने के कारण चार क्लास पढ़ कर ही पढ़ाई…
लघुकथा-अवधकिशोर शर्मा
बारात डॉ.विजयेन्द्र के भाई की शादी की बारात निकली थी। उन्होंने चुनिंदा और सीमित लोगों को…
लघुकथा-पूर्णिमा सरोज
बेबस पार्क में कहीं बच्चे अपने माता-पिता की उंगली थामें खुशी से यहां-वहां देख रहे हैं।…
लघुकथा-रीना जैन
अंतर अस्पताल में बीमार मां की सेवा कर रही थी कुंवारी बहन। तभी उसका शादीशुदा भाई…
लघुकथा-कमलेश चौरसिया
दादाजी की आत्मा ‘‘चल अपुन जादू-जादू खेलेंगे!’’ ‘‘कहां भैया ?’’ ’’अरे, ऊपर गच्ची में। वो पानी…
लघुकथा-राज हीरामन
प्रधानमंत्री की कुर्सी कितने की ? पार्टी-नेता का यह तीसरा चुनाव था। यानी वे तीसरी बार…
लघुकथा-देवेन्द्र कुमार मिश्रा
हिसाब पिता यदा-कदा कहते रहते थे-‘‘तुम्हारी पढ़ाई-लिखाई पर मेरे लाखों रूपये खर्च हो गये।’’ बेटा पढ़-लिखकर…