हाइकू-रजनी साहू

जल तरंग इंद्रधनुषी रंग मन पतंग मखमल में टाट के पैबंद बेजान रिश्ते गुरू की बानी…

काव्य-नलिन श्रीवास्तव

जंगली चट्टान की मौत मेहनत कश सॉंसों की उपलब्धि का दर्पण चटीयल-जीवन और उस पर काई…

काव्य-एस.एस.त्रिपाठी

काम, योग और भोग काम एक प्रचंड ऊर्जा ऊर्जा जीवन का पर्याय जीवन यानि गति गति…

काव्य-जयश्री शेंडे

बड़ा बनना सीखो बड़ा बनना है तो झुकना सीखो ग़मों से समझौता सीखो पराए को अपना…

बढ़ते कदम-शुचिता झा

शबनमी अहसास ओस से भरकर छलकती आसमांॅ की प्यास दूर बिखरा हवा में शबनमी अहसास. पर्वतों…

काव्य-जयप्रकाश राय

प्रश्न या उत्तर ? ग्यारह अगस्त दो हजार आठ भिलाई पावर हाउस रेल्वे स्टेशन अपरचित जगह…

ग़ज़ल-शमीम बहार

ग़ज़ल-1 वक्त अंधेरे में देखने वाला नहीं होता, शहर वतन में क्या-क्या नहीं होता. सुबहो-शाम ये…

बढ़ते कदम-पूजा देवांगन

बस्तर की आवाज खामोशी छाई है हरपल यहॉं चारो ओर अंधेरा है. नक्सलवाद का डंका है…

काव्य-डॉ राजाराम त्रिपाठी

कौन हो तुम लोग कौन हो तुम लोग ? जो बिना मांगे दे रहे हो- कभी…

काव्य-श्यामनारायण श्रीवास्तव

श्यामनारायण श्रीवास्तव की दो कविताएं साक्षात्कार मात्र एक देश नहीं सम्पूर्ण धरा पर कहीं भी आना…