रंगीला बस्तर बस्तर में आस्था से जोड़कर वन एवं वनौषधि पौधों का परम्परागत् संवर्धन वनवासी संस्कृति…
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काव्य -केशरीलाल वर्मा
कफन ये कवि, तुम लिखते हो हरदम, दुनिया की हर कड़ियों पर कविता। कफन सा चादर…
एक मुलाकात: पद्मश्री धर्मपाल सेनी
‘एक मुलाकात’ व ‘परिचय’ श्रृंखला में इस पिछड़े क्षेत्र से जुड़े हुए और क्षेत्र के लिए…
काव्य-सतीश लखोटिया
ईश्वर तेरे यह भी रूप अंधेरा, प्रकाश, अभिमान वाणी। का चल रहा था विचार-विनिमय गोष्ठी का…
विशेष रपट
‘साहित्य एवं कला समाज’ एवं ‘बस्तर पाति’ के तत्वाधान में प्रतियोगिता आयोजित अपने अटल प्रयोजन ‘साहित्य…
आलेख-नरेन्द्र परिहार
मुझे चाहिए एक मुट्ठी आसमान, दो गज जमीन, दो रोटी: उठो किसान क्या आप हम या…
काव्य-आनंद तिवारी पौराणिक
बसंत में आस लौट आई हैं सगुन-चिरैयां घर के कंगूरों पर गुलमोहर की डालियां छतरा गई…
खाली हथेली – डॉ सुदर्शन
खाली हथेली तुम कुछ मांगती नहीं थी – न तुम्हें चाहिये था, फिर भी तुम चाहती…
अंक-8-फेसबुक वाल से ब्रजेश कुमार पांडे
भूख मैं अच्छी तरह जानता हूँ, हजूर भूख नहीं महसूस कर सकते आप आप नहीं जान…
काव्य-राजेश जैन राही
राही के दोहे 1-शोर करे मिटती नहीं, ओछेपन की धूल। सच्चे कर्मों से खिले, कीचड़ में…