समीक्षा-पासंग दर्द की चितेरी पद्मश्री मेहरून्निसा परवेज़ जी का अद्भुत उपन्यास है ‘पासंग’ ‘‘पासंग यानि की…
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अंक-5+6+7 पाठकों की चौपाल
पाठकों की चौपाल प्रिय पाठक, नमस्कार, कुछ बातें ‘बस्तर पाति’ के नियमित कॉलम के संबंध में…
अंक-5-कविता कैसे बदले रूप
कविता का रूप कैसे बदलता है देखें जरा। नये रचनाकार ने लिखा था, नवीन प्रयास था…
कहानी-जंगल कथा-लोकबाबू
जंगल गाथा प्राकृतिक सम्पदा से सम्पन्न छत्तीसगढ़ की अमीर धरती पर गरीबी घासफूस की तरह फैली…
मेहरून्निसा परवेज़ का सम्पादकीय साहित्य
मेहरून्निसा परवेज़ का सम्पादकीय साहित्य हिन्दी, अंगरेजी, फ्रेंच, चीनी आदि के साहित्येतिहास में,-संस्मरण, रेखाचित्र, पत्र-साहित्य, डायरी-साहित्य,…
विशेष रपट -बस्तर पाति प्रकाशन की पुस्तकों का भव्य विमोचन
बस्तर पाति प्रकाशन की पुस्तकों का भव्य विमोचन श्री विमल तिवारी जी का काव्य संग्रह ‘गीत-गुंजन’,…
विश्वधरोहर-उसने कहा था- चंद्रधर शर्मा गुलेरी
उसने कहा था बड़े-बड़े शहरों के इक्के-गाड़ीवालों की जबान के कोड़ों से जिनकी पीठ छिल गई…
बढ़ते कदम-हेमंत बघेल
महाप्रभु किरपा करा (हल्बी) भूखे पेट रहुन पेज पसिया खाउन बेटा के पढ़ाले। महाप्रभु (सरकार)…
अंक-5-पाठकों से रुबरु – शिक्षा का भाषाई माध्यम
शिक्षा का भाषाई माध्यम मैं बहुत ज्यादा कनफ्यूज हूं समझ के भी समझ नहीं पा रहा…