अंक-29 कविता कैसे बदले तेरा रूप

कविता का रूप कैसे बदलता है देखें जरा। नये रचनाकार ने लिखा था, नवीन प्रयास था…

अंक-29 पाठकों से रूबरू-साहित्य बनाम संघर्ष

साहित्य बनाम संघर्ष   इस डिजिटल युग में सबकुछ तो डिजिटल हो चुका है। इलाज, मार्केटिंग,…

अंक-29 बहस-पूंजीवाद और पर्यावरण

पूंजीवाद और पर्यावरण पूंजीवाद, तकनीक और पर्यावरण दुर्भाग्यवश एक ऐसा अनदेखा विषय है, जो हमारे अस्तित्व…

अंक-29 बहस-काम?

काम? हम काम को फिर से परिभाषित करना चाहेंगे. कौन से काम? वह काम नहीं जो…

नक्कारखाने की तूती -परम्परायें और कुंठा

परम्परायें और कुंठा समय के इस कालखण्ड में एक विशेष ट्रेण्ड सभी को नजर आ रहा…

साक्षात्कार-डॉ कौशलेन्द्र मिश्र

‘एक मुलाकात’ व ‘परिचय’ श्रृंखला में इस पिछड़े क्षेत्र से जुड़े हुए और क्षेत्र के लिए…

अंक-29 का कवर पेज -श्री सुभाष पाण्डे

बस्तर पाति का कवर पेज एवं भीतर के चित्र-श्री सुभाष पाण्डे श्री पाण्डे बस्तर क्षेत्र के…

अंक-29 बहस-हुकुम मेरे आका

जो हुकुम आका! दुनिया की सारी धन दौलत मिलकर भी एक व्यक्ति की ख्वाहिशों को पूरा…

उंगलबाज

कौन गरीब “भाई सब लोग मिलकर 1100/- रुपये दे रहे हैं। तुम कब भिजवा रहे हो।“-देवेंद्र…

सोशल मीडिया की वाल से -राम सरोज द्विवेदी और राजेश जैन राही

शुभ दीपावली ,,,,,,, ,,,,,, ,,,,,,, ,,,,,,,, नव दीपों की स्वर्णिम किरणें, जीवनपथ आलोकित करदें। सुख संवृद्धि,शांति,यशपूरित,…