ख़ामोश़ बस्तर मैं खा़मोश़ बस्तर हूं मेरे दुख को कोई क्या जाने ख़ामोश़ी मेरी बयां कर…
Category: काव्य
काव्य-श्रीमती गुप्तेश्वरी पांडे
गुलदान पहली मुलाकात ससुराल में पति से शादी के बाद जब हाथों में गुलदान लिए किसी…
काव्य-कल्पना नाग
माँ जिन्हें मिला मां का स्नेह वे बड़े खुशनसीब जिन्हें मिला मां का आंचल वे बड़े…
काव्य-संतोष श्रीवास्तव
संभावनायें असीम बस्तर संभाग में बहुत सी संभावनायें हैं पर्यटनों की संभावना, यहां पर असीम हैं.…
काव्य-खदीजा खान
चलना है तब तक चलना है तब तक पैरों की थकन टूटकर चूर न कर दे…
काव्य-सुनील लम्बाडी
सूर्य की किरण सूर्य की किरण जब है पड़ती आंखें हैं होती उज्जवल कूकडू कूं की…
काव्य-विमल तिवारी
प्यार के लिए प्यार के लिए जीता है कोई, प्यार के लिए तड़पता है कोई. अंबर…
काव्य-माधुरी राऊलकर
घर से लड़ना इधर से लड़ना या उधर से लड़ना आसान नहीं अपने घर से लड़ना.…
काव्य-डा.सुजय कुमार शरण
वेलेन्टाइन डे खुद को खुश करने के मुझे मालूम हैं ढेर सारे तरीके वेलेन्टाइन डे को…