लघुकथा-अरविन्द अवस्थी

फ़र्क उमेश अपनी पत्नी को हमेशा ताने दिया करता। कहता कि तुम्हारी मां ने क्या सिखाया…

समीक्षा – डॉ अर्चना जैन

दुष्यंत कुमार की ग़ज़लों की मूल संवेदना गद्य और पद्य दोनों विधाओं में समानाधिकार से लिखने…

आलेख-भूमि अधिग्रहण की सार्थकता

भूमि अधिग्रहण की सार्थकता वर्तमान की माया सभी लाचार है परवश हैं। लाचारी का आलम यूं…

डॉ शैलचंद्रा की लघुकथा

बदलते प्रतिमान सरकारी स्कूल के शिक्षक पिता से कान्वेंट स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे ने प्रश्न…

एक मुलाकात: पद्मश्री धर्मपाल सेनी

‘एक मुलाकात’ व ‘परिचय’ श्रृंखला में इस पिछड़े क्षेत्र से जुड़े हुए और क्षेत्र के लिए…

आलेख-नरेन्द्र परिहार

मुझे चाहिए एक मुट्ठी आसमान, दो गज जमीन, दो रोटी: उठो किसान क्या आप हम या…

खाली हथेली – डॉ सुदर्शन

खाली हथेली तुम कुछ मांगती नहीं थी – न तुम्हें चाहिये था, फिर भी तुम चाहती…

अंक-8-बहस-कहानी के तत्व: नाटकीयता और बुनावट

कहानी के तत्व: नाटकीयता और बुनावट आज हम कहानी के दो प्रमुख तत्वों पर बात करना…

आत्मकथन: पद्मश्री धर्मपाल सेनी

आत्मकथन: पद्मश्री धर्मपाल सेनी बस्तर- स्वप्न, प्रयत्न और परिवर्तन अपनी चमकदार और गहरी और भावभरी आंखों…

कहानी-बंजारन-रत्न कुमार सांभरिया

बंजारन सांप की लकीर- सी सर्पाकार सड़क खेतों-खांखरों से होती गांवो-ढाणियों की ओर निकल गई थी।…