सम्पादक महोदय बहुत दिनों से बल्कि यूं लगता है कि कई वर्षों से ’बस्तर पाति’ पत्रिका…
Category: पाठकों की चौपाल
समस्त सुधि पाठकगण नमस्कार! पाठकों की चौपाल लेखक और पाठक की चौपाल है। जिसमें लेखक और पाठक के बीच का संवाद पत्रिका के माध्यम से होता है। अतः आपसे निवेदन है कि समस्त प्रकार की औपचारिकताओं से दूर आप पत्रिका में प्रकाशित रचनाओं पर अपनी प्रतिक्रियायें लिखें। समीक्षा में मात्र प्रशंसा के स्वर न हों बल्कि समालोचना भी हो। सम्पादक केन्द्रित पत्र के स्थान पर रचना केन्द्रित पत्र हमें अपनी पत्रिका मे सुधार हेतु प्रेरित करेंगे और साथ ही साथ सम्बंधित रचनाकार के लिए भी एक उपलब्धि होंगे। आपके द्वारा भेजे गये पत्र में सीधे रचनाओं पर बात होगी तो आपका कीमती समय किसी रचनाकार को अपनी रचनाओं में महत्वपूर्ण बदलाव के लिए प्रेरित कर सकता है। अतः निवेदन है कि आपके पत्र रचनाकार की रचनाओं पर केन्द्रित हों न कि रचनाकार पर केन्द्रित।
पाठकों की चौपाल अंक-25 (जून 20-मई 21)
सम्पादक महोदय वर्तमान दौर में पत्रिका का प्रकाशन और वितरण बेहद मुश्किल हो चुका है। कोरोना…
अंक-20-पाठकों की चौपाल
आदरणीय संपादक महोदय नमस्कार आपकी पत्रिका मिली पढ़कर संतुष्टि हुई कि लीक पर ही नहीं चला…
अंक-17+18+19 पाठकों की चौपाल
सम्पादक महोदय आपके द्वारा प्र्रेषित बस्तर पाति पत्रिका का अंक प्राप्त हुआ। बहुत बहुत धन्यवाद एवं…
अंक-9+10-पाठकों की चौपाल
भाई सनत जी, नमस्कार आपकी भेजी पत्रिका मिली। आभारी हूं। आप पत्रिका की साज सज्जा पर…
अंक-8 पाठकों की चौपाल
पाठकों की चौपाल संपादक, अंक 5-6-7 का संयुक्तांक अपने संपादकीय में अद्भुत रहा। तुमने वर्तमान में…
अंक-5+6+7 पाठकों की चौपाल
पाठकों की चौपाल प्रिय पाठक, नमस्कार, कुछ बातें ‘बस्तर पाति’ के नियमित कॉलम के संबंध में…
अंक-4-पाठकों की चौपाल
प्रिय भाई सनत कुमार जैन सप्रेम नमस्कार आशा है आप सानंद एवं प्रसन्न होंगे। आपके द्वारा…
अंक-3-पाठकों की चौपाल
‘बस्तर पाति’ का सितम्बर अंक प्राप्त हुआ, हार्दिक धन्यवाद। सुदूर आदिवासी क्षेत्र से साहित्यिक प्रकाशन करना,तलवार…
अंक-२-पाठकों की चौपाल
आदरणीय संपादक महोदय, सादर नमस्कार, ‘बस्तर पाति’ का प्रथम अंक आद्योपान्त पढ़ने का अवसर मिला। बस्तर…