निवेश आज महावीर प्रसाद बड़े ही उन्मादी लग रहे थे। उनके चेहरे पर…
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सनत जैन की कहानी – बैरागी
बैरागी ’सोचता हूं मैं रेवती की बात मानकर उसके साथ रहने लगूं।’ अचानक दूसरी बातों के…
डॉ शैल चंद्रा की आठ लघुकथाएं
शॉपिंग “देख तो रमशीला, ये साड़ी कैसी है। अभी-अभी आन लाइन शॉपिंग से आई है।”मालकिन ने…
माणक तुलसीराम गौर की कहानी – भाभी
भाभी ‘हम दो हमारे दो’ के सुन्दर नारे को चरितार्थ करते हुए शर्मा परिवार सुखी जीवन…
लेखन का नया चलन- व्यंग्य : डॉ किशोर अग्रवाल
लेखन का नया चलन क:”आजकल खूब छप रहे हो आज भी भारत न्यूज़ के साहित्यिक बनने…
सामाजिक समरसता के दीमक
नक्कारखाने की तूती यह शीर्षक हमारे उन विचारों के लिए है जो लगातार हमारा दम घोंटते…
मूल्य-महेश्वर नारायण सिन्हा की कहानी
मूल्य बड़ी अम्मा हाय-हाय करने लगी। हाय मेरे दस हजार! किसने लिए! यहीं तो रखा था,…
कहीं हमारा लेखन समाज का बंटाधार तो नहीं कर रहा है ?
अर्ध रात्रि का ज्ञान पकने का समय कई दिनों से अब तक/लिखने का समय 8.00 पी.एम.…
आलेख-पाठकों की समस्याः लेखक क्या करे-बुड़बक सिंह राजपूत
पाठकों की समस्याः लेखक क्या करे लेखक और पाठकों का विमर्श ब्रहम् के विमर्श की…