मैं तो बिलकुल खुली किताब रहा, उन को पढ़ने से इज्तिनाब रहा।। ज़िन्दगी भर उन्हें हिजाब…
Tag: अंक-2
काव्य-हरेन्द्र यादव
तपती दोपहरी बियावन कानन है तपती दोपहरी चिट-चिटिर करती फुदकती गिलहरी बरगद की डाली में यहां-वहां…
कफ़न के बहाने
कफ़न के बहाने मुंशी प्रेमचंद की बहुचर्चित और कालजयी कहानी ‘कफ़न’ घीसू और माधव नामक पात्रों…
काव्य-जैन करेलिवी
(1) मोबाइल यूं चढ़ा ज्यों मसान का भूत, पेंशन लेते बाप हों या नकारा पूत। नकारा…
काव्य-देव भंडारी
तटस्थों का शहर सब तटस्थ हैं यह तटस्थों का शहर है। न कोई शत्रु यहां, न…
कहानी-मोहिनी ठाकुर
धरोहर इस बार शिफ्ट होकर हम जिस नये मकान में रहने आये वह शहर से कुछ…
नीम अंधेरे-कविता संग्रह-मोहिनी ठाकुर
नीम अंधेरे-कविता संग्रह कवितायें कभी पहले से कहकर नहीं आती, जब भी आती हैं दबे पांव,…
ग़ज़ल-बरखा भाटिया
-1- हैरां हूं सियासी घोड़ों को बेलगाम देखकर नंगे हो गये सबके सब, हमाम देखकर। अकाल…
ढंगनाच-नरेन्द्र पाढ़ी
ढंगनाच गोरसी चो इंगरा के कोदाउन-कोदाउन बिहाव-पार्टी चो ढंगनाच के सुरता करेंसे। काल चो करलानी गोठ…
कहानी प्रतियोगता-
कहानी प्रतियोगता- ‘‘बस्तर पाति’’ आयोजन करता है अपने सुधि और विद्वान लेखकों, पाठकों, और सदस्यों के…