मुझे प्रतीक्षा है मुझे प्रतीक्षा है सूरज मेरे भीतर पसर जाये और अपनी रश्मियों से मिटा…
Category: काव्य
रामचरण यादव ‘याददाश्त’ की कविता
अजब कहानी कहीं होंठो पे हंसी, कहीं आंखों में पानी है कुदरत ने ही लिखी, कर्मो…
प्रो.भगवानदास जैन की ग़जल
ग़ज़ल यूं तो हरेक शख़्स की तक़दीर है जुदा। आंसू सभी के एक-से पर पीर है…
तरूण कुमार लाहा की कवितायेँ
स्त्री होने का अहसास-1 भूलना चाहती हूं मैं अतीत की परछाईयों में छिपे अपने उजास भरे…
के प्रिया की कविता
पिंजरा कहीं भी जाऊं, मेट्रो की गंध हवा में फैली है मेरी जड़ें सांसें खींचती इन…
पूर्णिमा सरोज की कवितायेँ
आमंत्रण आओ मैं तुम्हें, अपने मौन भाषण में बस, एक बार, तुम मेरे जख़्मों की गहराई…
कृष्ण मोहन ‘अम्भोज’ की कवितायेँ
ग्रीनहंट के डंडे यह नदी झरने कब तक सहते मौसम के हथकंडे जंगलों की पीठों पर…
डॉ जयसिंह अलवरी की कवितायेँ
जीने को जी रहे हैं कहीं खुशियों की बारात है कहीं अश्कों की बरसात है। कहीं…
कुमार शर्मा अनिल की कविता
फिजूलखर्च मैं जब भी मिलता था उससे हर मुलाकात में उसके होंठों से बचाकर रख लेता…
विमल जैन की कविता
अन्तःमन सोच रहा हूं अन्तःमन से, जीवन जीना है अब कैसे? चारो ओर अंधेरा है, भौतिकता…