लघुकथा-संतोष श्रीवास्तव सम

एक समझौता वह एक अजीब सी कश्मकश लिये हुई थी। आखिर उसने यह तय कर ही…

लघुकथा-डॉ. सतीशराज पुष्करणा

ग़लतफहमी रामेश्वर बाबू हाट से सब्जी आदि लेकर जैसे ही शहर की मेन रोड पर आये…

लघुकथा-शिशिर द्विवेदी

पर्दा आह! दोज़ गुड ओल्ड कॉलिज डेज़! सपनों की दुनिया! मौज-मस्ती, हँसी ठहाके! लाइब्रेेरी और कॉरीडोर्स…

लघुकथा-के पी सक्सेना दूसरे

होली मुबारक “अजी, होली की मुबारकबाद तो ले लो… उठो ना!” कहते हुए उसने धीरे से…

लघुकथा-नरेश कुमार उदास

बाढ़ सुखिया की खपरैल की झुग्गी का नामों निशान मिट चला था। बुढ़िया इस दुनिया में…

लघुकथा-चन्द्रकान्ति देवांगन

पछतावा एक शाम पिता की निरीह आंखें राह देख रही थीं। वृद्धाश्रम में दरवाजे की ओर…

लघुकथा-डॉ सुरेश तिवारी

देसी गुलाब वह सुबह गुलाब के बगीचे में टहल रहा था। बडिंग वाले गुलाब में प्यारा…

लघुकथा-शिखा यादव

बचपन कचरा उठाती, मैले खुचैले कपड़े पहने उस ग्यारह-बारह वर्ष की लड़की से मैंने पूछा-‘‘पढ़ाई करती…

लघुकथा-अरविन्द अवस्थी

फ़र्क उमेश अपनी पत्नी को हमेशा ताने दिया करता। कहता कि तुम्हारी मां ने क्या सिखाया…

डॉ शैलचंद्रा की लघुकथा

बदलते प्रतिमान सरकारी स्कूल के शिक्षक पिता से कान्वेंट स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे ने प्रश्न…