शुभ चिंतक ’भाभी! आप न, बादाम, चिरौंजी, मखाना, खसखस लेकर इनको घी में तल लो और…
Category: व्यंग
साहित्य की व्यंग्य विधा की रचनाएँ
व्यंग्य-सुभाष पांडे
भूख मीमांसा चलते-चलते वे मुझे बाजार में मिल गए। मुझे रोक कर बोले -’अरे भाई! तुमने…
लेखन का नया चलन- व्यंग्य : डॉ किशोर अग्रवाल
लेखन का नया चलन क:”आजकल खूब छप रहे हो आज भी भारत न्यूज़ के साहित्यिक बनने…
व्यंग्य-भारतीय संस्कारों से घृणा क्यों ?
भारतीय संस्कारों से घृणा क्यों ? ’’एक जन्म तो झेलना मुश्किल है सात जन्मों का कौन…
व्यंग्य-सुरेन्द्र रावल-अंग्रेजों की जूठन
अंग्रेजों की जूठन सुना है, अंग्रेजों का भारत से जाने का कोई इरादा न था। कभी…
व्यंग्य-सुरेन्द्र रावल-मेरी सड़क
मेरी सड़क मुझे लगातार लग रहा है कि मेरी सड़क के प्रति पुरातत्ववेत्ताओं की उपेक्षा कोई…