रात अंधेरे को लपेटे अपने तन से रात चली उदास मन से मैंने कहा रात से,…
Tag: नई कलम
बढ़ते कदम- डाॅ अमितेष तिवारी
किसान का गीत…. बीज फसल में परिणित कर दूं हाथों में जब-जब मैं हल लूँ ऊसर…
बढ़ते कदम- अनिता चांडक की कविताएं
आसमान धरती पर गड़ा वृक्ष, आसमान की ओर बढ़कर फलेगा। आसमान की वर्षा से, धरती का…