रात अंधेरे को लपेटे अपने तन से रात चली उदास मन से मैंने कहा रात से,…
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नयी कलम – श्रुति सिन्हा की कवितायेँ
मंजिल यही है पर यह नहीं मंजिल यही है पर यह नहीं , शायद…
बढ़ते कदम-काव्य-किशोर मनवानी
ये बीस मेरे देश को दे गया कैसी टीस ये बीस मेरे देश को दे गया…
बढ़ते कदम- डाॅ अमितेष तिवारी
किसान का गीत…. बीज फसल में परिणित कर दूं हाथों में जब-जब मैं हल लूँ ऊसर…
बढ़ते कदम- अनिता चांडक की कविताएं
आसमान धरती पर गड़ा वृक्ष, आसमान की ओर बढ़कर फलेगा। आसमान की वर्षा से, धरती का…
कृपाल देवांगन की कवितायेँ
हसीन दर्द जो कहना चाहते हो हमसे वह कह भी लो, ऑंखों के आशियाने में हमारे…
रेखराम साहू की कविता
बस्तर की पीड़ा किसे कहें बस्तर की पीड़ा कौन सुने इसकी चित्कार आज यहां के जनमानस…
दिवाकर दत्त त्रिपाठी का काव्य
गीत आज कहीं बरबाद न कर दे, आने वाला कल सोचूंगा, अब हर एक…