साहित्यिक खेमेबाजी नेट न्यूट्रीलिटी के नारे के बीच यह सच्चाई प्रकाश में नहीं आ पा रही…
Tag: अंक-8
एक मुलाकात: पद्मश्री धर्मपाल सेनी
‘एक मुलाकात’ व ‘परिचय’ श्रृंखला में इस पिछड़े क्षेत्र से जुड़े हुए और क्षेत्र के लिए…
काव्य-सतीश लखोटिया
ईश्वर तेरे यह भी रूप अंधेरा, प्रकाश, अभिमान वाणी। का चल रहा था विचार-विनिमय गोष्ठी का…
विशेष रपट
‘साहित्य एवं कला समाज’ एवं ‘बस्तर पाति’ के तत्वाधान में प्रतियोगिता आयोजित अपने अटल प्रयोजन ‘साहित्य…
काव्य-आनंद तिवारी पौराणिक
बसंत में आस लौट आई हैं सगुन-चिरैयां घर के कंगूरों पर गुलमोहर की डालियां छतरा गई…
अंक-8-फेसबुक वाल से ब्रजेश कुमार पांडे
भूख मैं अच्छी तरह जानता हूँ, हजूर भूख नहीं महसूस कर सकते आप आप नहीं जान…
काव्य-राजेश जैन राही
राही के दोहे 1-शोर करे मिटती नहीं, ओछेपन की धूल। सच्चे कर्मों से खिले, कीचड़ में…