काव्य-नरेन्द्र यादव

गीत-1 तैंहा छत्तीसगढ़ ला घुमा ले संगी ओकर महिमा गाले ओकर महिमा गाले संगी ओकर गुण…

रंगकर्मी- अंजन श्रीवास्तव-रमेश यादव

(बतौर समर्पित रंगकर्मी 45 वर्ष के, 65 वर्ष कर लेने के उपलक्ष्य में) कोई भी ऐसा…

राजेन्द्र रंजन का काव्य

अभी बच्चे अभी बच्चे ये राज समझ नहीं पाते हैं, घरौंदे रेत के क्यूं बनके बिखर…