(बतौर समर्पित रंगकर्मी 45 वर्ष के, 65 वर्ष कर लेने के उपलक्ष्य में) कोई भी ऐसा…
Author: Bastar Paati
राजेन्द्र रंजन का काव्य
अभी बच्चे अभी बच्चे ये राज समझ नहीं पाते हैं, घरौंदे रेत के क्यूं बनके बिखर…
(बतौर समर्पित रंगकर्मी 45 वर्ष के, 65 वर्ष कर लेने के उपलक्ष्य में) कोई भी ऐसा…
अभी बच्चे अभी बच्चे ये राज समझ नहीं पाते हैं, घरौंदे रेत के क्यूं बनके बिखर…