लघुकथा-वीनू जमुआर

भूख का सच सोलह सीढ़ियाँ चढ़ वृद्धा ने बहु को आवाज लगाई-‘बेटा क्या तुम खाना खा…

लघुकथा-हेमंत बघेल

परिधान चैतू ने लालाजी की दुकान से डिबरी के लिए तेल, माचिस, नमक, गुड़ाखू और तम्बाखू…

लघुकथा-डॉ शैल चंद्रा

परिवर्तन गांव से आई हुई अम्मा को जब शहरी बहू ने सुबह-सुबह चाय का प्याला पकड़ाया…

लघुकथा-डॉ सतीश दुबे

स्वागत सज्जा बहू शिखा को चैक-अप के लिए मम्मी जी लेडी डॉक्टर के क्लीनिक में ले…

लघुकथा-रचना

किसके लिए रोता है?….. रात साढ़े नौ बजे थे। पोलीस थाने में पी. एस. आय. “हवलदार..…

लघुकथा-वर्षा रावल

दो आँखें… ’’माँ, मैं अगले माह आ जाऊँ क्या ? डिलिवरी यहां सम्भव नहीं लग रही,…

लघुकथा-सुषमा झा

काम ‘मां! आप काम करते-करते थक जाती हो।’ ‘क्या करूं बेटा! काम करना तो पड़ेगा ही।…

लघुकथा-पवन तनय अग्रहरि अद्वितीय

दिया तले अंधेरा प्रतिदिन सुबह और सांयकाल मंदिर में पूजन करने के बाद पुजारी जी थाली…

लघुकथा-उर्मिला आचार्य

इष्ट पूजा बेटा बड़े मनुहार के बाद आया इष्टपूजा के लिए। ‘’होता’’ परिवार के ठीक सामने…

लघुकथा-भरत गंगादित्य

उच्च शिक्षित ‘‘पिताजी! लीजिए दूध।’’ उसने चौक कर देखा, उसका लड़का दूध लेकर सामने खड़ा था।…