बस्तर पाति अंक-2 का विमोचन
बस्तर। बस्तर संभाग का सुदूर ग्राम धुरली जिला दंतेवाड़ा गवाह बना। ‘‘बस्तर पाति’’ के अंक-2 के विमोचन का गवाह! पदमश्री धर्मपाल सेनी जी के द्वारा स्थापित और संचालित माता रूकमणी आश्रम के सभागार में भव्य कार्यक्रम में बस्तर संभाग के बहुभाषी कवि श्री दादा जोकाल और कवि हृदय व कहानीकार श्री आनंद जी. सिंह, सहायक आयुक्त आदिमजाति कल्याण विभाग, एनएमडीसी के डिप्टी मैनेजर श्री राजेशसिंह के साथ समाजसेवी पदमश्री धर्मपाल सेनी के करकमलों द्वारा इस क्षेत्र की एकमात्र नियमित साहित्यिक हिन्दी त्रैमासिक ‘‘बस्तर पाति’’ का गौरवमयी विमोचन हुआ। हमेशा की तरह हमारे प्रिय ‘ताऊजी’ पदमश्री धर्मपाल सेनी ने अपना पूर्ण सहयोग दिया। उनके आश्रम के होनहार बच्चों ने अपनी रचनाशीलता का परिचय देते हुए गंभीर रचनाएं पढ़ी। आश्रम के प्राचार्य शर्माजी एवं अन्य शिक्षकों ने भी अपनी भरपूर ऊर्जा का प्रदर्शन किया।
श्री आनंद जी. सिंह ने अपनी एक पुरानी कविता को याद कर मंच पर सुनाया। साथ ही आश्वस्त किया कि ‘बस्तर पाति’ का भविष्य सुरक्षित है। ‘बस्तर पाति’ के द्वारा बच्चों को प्रमाण पत्र भी वितरित किये गये। दादा जोकाल के द्वारा एक ही कविता को छत्तीसगढ़ी, दोरली, हल्बी, गोन्डी, तेलगु और हिन्दी में सुनाया गया जो कि अपने आप में एक विस्मित करने की घटना थी। आनंदमयी वातावरण में ‘बस्तर पाति’ ने दूसरे सोपान की ओर कदम रखा। कार्यक्रम में ‘बस्तर पाति’ से संपादक सनत जैन और सह संपादक शशांक श्रीधर ने शिरकत की।
संदीप सृजन को सम्पादक रत्न सम्मान
उज्जैन। देश की प्रतिष्ठित हिन्दी सेवी संस्था साहित्य मंडल श्रीनाथ के तत्वाधान में 14-15 सितम्बर को हिन्दी लाओ देश बचाओ’ कार्यक्रम में शब्द प्रवाह साहित्यिक शोध पत्रिका के माध्यम से हिन्दी को बढ़ावा देने के लिए श्री संदीप सृजन को सम्पादक रत्न की मानद उपाधि प्रदान कर सम्मानित किया गया। वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. रामअवतार शर्मा(आगरा), राव मुकुल श्रीमानसिंह, श्री जगदीशचन्द्र शर्मा, डॉ. उमाशंकर मिश्र(गाजियाबाद), डॉ. आनंद सुमनसिंह(देहरादून), श्री मुरलीधर वैष्णव एवं डॉ. पाठक ने श्री सृजन को सम्मान-पत्र प्रदान कर सम्मानित किया। कार्यक्रम का संयोजन श्री श्यामप्रकाश देवपुरा ने किया, संचालन श्री विट्ठल जी ने किया। चार सत्रों में हुए दो दिवसीय भव्य आयोजन में कवि सम्मेलन एवं हिन्दी संगोष्ठि का आयोजन भी हुआ।
विमल तिवारी को उत्कृष्ठ काव्य लेखन सम्मान
बस्तर। नवरंग काव्य मंच रायपुर द्वारा राज्य स्तरीय स्व. चंद्रबलीसिंह स्मृति काव्य लेखन प्रतियोगिता आयोजित की गयी। इस प्रतियोगिता में छत्तीसगढ़ के अस्सी से ज्यादा कवियों ने भाग लिया और अपनी उत्कृष्ठ रचनाएं भेजीं। इस राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में नौवां स्थान प्राप्त कर श्री विमल तिवारी ने बस्तर जैसे पिछड़े क्षेत्र का नाम रोशन किया। 18 अक्टूबर 14 को रायपुर के वृन्दावन हाल में आयोजित भव्य कार्यक्रम में उन्हें प्रशस्ति-पत्र, लेखनी आदि से सम्मानित किया गया। वर्तमान में श्री विमल जी हाईस्कूल करंजी विकासखण्ड तोकापाल में व्याख्याता पद पर कार्यरत हैं।
उनके इस सम्मान पर ‘बस्तर पाति’ परिवार बधाई देता है और उनके उज्जवल भविष्य की कामना करता है। छत्तीसगढ़ हिन्दी साहित्य परिषद, जगदलपुर, छत्तीसगढ़ शिक्षक संघ, व्याख्याता संघ समिति मा.शा. एवं प्राचार्य हाई स्कूल श्री रविन्द्र विश्वास आदि ने ढेरों शुभकामनाएं दीं।
चार पुस्तकों का विमोचन जगदलपुर।
‘बस्तर पाति’ के मंच से कहानीकार श्री महेश्वर नारायण सिन्हा दल्ली राजहरा के मुख्य आतिथ्य में एवं क्षेत्र के वरिष्ठ विचारक श्री जयचंद जैन की उपस्थिति में 2 नवम्बर 14 को महावीर भवन जगदलपुर में बस्तर क्षेत्र के 24 कवियों की कविताओं का संकलन‘अरण्यधारा-1’ लोकार्पित किया गया। कार्यक्रम में श्री शशांक श्रीधर की कविताओं का संग्रह ‘जीवन के मायने’, श्री सनत जैन का कहानी संग्रह ‘बस्तर मेरा देश’ भी लोकार्पित हुआ। ये तीनों पुस्तकें ‘बस्तर पाति प्रकाशन’ के प्रथम प्रयास का नतीजा है। लागत मूल्य पर प्रकाशन की योजना के तहत इनका प्रकाशन किया गया है। इन पुस्तकों के कवर पेज श्री नरसिंह महान्ती जी ने बड़ी लगन से बनाये। श्रीमती ख़ादीजा ख़ान की उम्दा कविताओं का संग्रह ‘संगत’ भी विमोचित किया गया। इस अवसर पर हाइकू-पोस्टर प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया था। अन्य मंचासीन अतिथि थे श्री उमर हयात रिजवी कोण्डागांव, श्री शिव कुमार पाण्डे, श्री राजाराम त्रिपाठी कोण्डागांव, श्रीमती शांती तिवारी, श्रीकृष्ण शुक्ल, सुश्री उर्मिला आचार्य, डॉ. योगेन्द्र राठौर, श्री रऊफ परवेज, श्रीमती मोहिनी ठाकुर। भोजनावकाश के बाद ‘मेगा काव्यगोष्ठि’ का भी आयोजन था।मंच संचालन श्री राजेश श्रीवास्तव व डॉ.चंद्रेश शर्मा ने किया।