आप नयी पत्रिका ‘‘बस्तर पाति’’ का प्रकाशन करने जा रहे हैं-शुभकामनाओं सहित बहुत-बहुत बधाई. साहित्य संसार का यह अंकुर शीघ्र ही वृक्ष बन जाये ऐसी शुभेच्छा है. आशा है कि यह पाति बुद्धिजीवियों के जगत का ज्ञान-प्रकाश चारों दिशाओं को उजागर करे और आपका अथक प्रयास इसकी सफलता में चार चांद लगाये.
श्रीमती कमलेश चौरसिया, नागपुर
मैं अपनी अस्वस्थता के कारण अपनी लघुकथाएं समय पर भेज नहीं पाया. आपकी पत्रिका हिंदी साहित्य जगत में माइल स्टोन सिद्ध हो. मेरी और कथा सागर परिवार की यही शुभकामना है. यह पत्रिका आपकी कार्यकुशलता का सशक्त प्रतिमान बने. यह भी कामना करता हूं.
अनेकानेक शुभकामनाओं सहित.
डा0 तारिक असलम ‘तस्नीम’, सपांदक कथासागर, पटना
यह जानकर हार्दिक प्रसन्नता हुई कि आपके द्वारा त्रैमासिक पत्रिका का प्रकाशन होने जा रहा है. हमारी शुभकामनाएं प्रेषित हैं.
संतोष श्रीवास्तव ‘सम’, बरदेभाटा, कांकेर
बस्तर जैसे पिछड़े क्षेत्र से नई पत्रिका प्रकाशन की योजना हिम्मत का काम है. इस हिम्मत के लिए आपको साधुवाद. पत्रिका समय के साथ प्रगति करे ऐसी भावना एवं शुभकामना के साथ आपका.
विमल तिवारी, जगदलपुर
आपकी पत्रिका के संबंध में जानकारी मिली, बड़ा अच्छा लगा जानकर कि आप अपने क्षेत्र के लोगों को लेकर पत्रिका प्रकाशित कर रहे हैं. वर्तमान समय में जहां हर कोई नाम के लिए ही किसी न किसी प्रकार से जुड़ा है वहां ऐसा सार्थक प्रयास बेहद आशाजनक लगता हैं. हमारी शुभकामनाएं एवं बधाई स्वीकार करें. किसी भी प्रकार के सहयोग के लिए निसंकोच कहें.
सुरेश विश्वकर्मा, जगदलपुर
बधाई एवं शुभकामनायें आपके इस साहसी कदम के लिए. आपकी पत्रिका श्रेष्ठ पत्रिका बने और आपकी लेखनी में भी पैनापन आये.
आशीष राय, जगदलपुर
बस्तर क्षेत्र से एक दमदार साहित्यिक पत्रिका की जरूरत थी जिसकी कमी आप पूरी कर रहे हैं. आप वाकई साधुवाद के पात्र हैं. ‘बस्तर पाति’ एक बड़ा नाम बनकर हम बस्तर वालों को गौरवन्वित करे. आपकी पत्रिका का उद्देश्य पूर्ण हो. आपके माध्यम से नये साहित्यकारों को प्लेटफार्म मिले और वे अपनी एक विशेष पहचान बना पायें.
श्रीराम महावर, जगदलपुर
आपको बहुत-बहुत बधाई. आपने नये-नये लोगों को मंच प्रदान करने के लिए जो प्रयास किया है वह काबिले-तारीफ है. इस मंच को आप हमेशा नये-नये लोगों के लिए खुला ही रखना जिससे संभावनाशील लोगों को अपनी प्रतिभा साबित करने का मौका मिले. पत्रिका में कहानी कविता के अलावा समसामायिक विषयों पर विमर्श होना जरूरी है इसका आप जरूर ध्यान रखेंगे.
विवेक कुमार, मनेन्द्रगढ़ छ.ग.
फेसबुक एवं पत्र के माध्यम से जानकारी मिली प्रसन्नता हुई कि आप लगातार प्रयास कर रहे हैं कि लोग अपनी रचनाएं आप तक प्रेषित करें. सुदूर आदिवासी क्षेत्र की ये पत्रिका एक मिसाल बनकर आये और बस्तर संबंधी बाहरी सोच को करारा जवाब दे. लगातार मेहनत करना, मेहनत से न डरना. हमें भी याद करना.
प्रभाकर मिश्रा, जगदलपुर