दोस्ती :- एक अनोखा रिश्ता ‘दोस्ती‘-कहने को तो एक छोटा सा शब्द है, पर अगर इसके…
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बढ़ते कदम-शुचिता झा
शबनमी अहसास ओस से भरकर छलकती आसमांॅ की प्यास दूर बिखरा हवा में शबनमी अहसास. पर्वतों…
बढ़ते कदम-पूजा देवांगन
बस्तर की आवाज खामोशी छाई है हरपल यहॉं चारो ओर अंधेरा है. नक्सलवाद का डंका है…
काव्य-हेमंत बघेल
कोशिश अपने नन्हें पैरों से चलने की कोशिश करती है पर गिर जाती है लड़खड़ाकर. फिर…
नयी कलम-रेखराम साहू
चला जाऊंगा मैं कभी चला जाऊंगा मैं कभी शहर तेरा ये छोड़कर नहीं आऊंगा फिर यहां…