शबनमी अहसास ओस से भरकर छलकती आसमांॅ की प्यास दूर बिखरा हवा में शबनमी अहसास. पर्वतों…
Category: नई कलम
साहित्य के क्षेत्र में प्रवेश करने वाले नवीन साहित्यकारों की रचनाएँ का मंच
बढ़ते कदम-पूजा देवांगन
बस्तर की आवाज खामोशी छाई है हरपल यहॉं चारो ओर अंधेरा है. नक्सलवाद का डंका है…
नयी कलम-रेखराम साहू
चला जाऊंगा मैं कभी चला जाऊंगा मैं कभी शहर तेरा ये छोड़कर नहीं आऊंगा फिर यहां…
नयी कलम -आशीष सिन्हा
ख़ामोश़ बस्तर मैं खा़मोश़ बस्तर हूं मेरे दुख को कोई क्या जाने ख़ामोश़ी मेरी बयां कर…