श्रद्धा बसंती जैन की कविताएं

रात अंधेरे को लपेटे अपने तन से रात चली उदास मन से मैंने कहा रात से,…

विज्ञान व्रत की ग़ज़लें

ग़ज़ल —– मुझको     लेकर    सोचेंगे पर    गूँगे    क्या    बोलेंगे काग़ज़   …

के. श्रीधर की कवितायेँ

दरख़्त खामोशी ही है मेरा गहना कि मै दरख़्त हूँ काट ही दिया जाता हूँ अक्सर…

~ डॉ. शैलेष गुप्त ‘वीर’ के दोहे ~

~ डॉ. शैलेष गुप्त ‘वीर’ के दोहे ~ —————————————– ‘केस’ बहुत मज़बूत था, पर भारी था…

गरिमा पोयाम की कविता

 मन के सागर में डुबकी लगा कभी यूँ ही स्वयं से मिल, जैसे हो कोई गहरी…

पं.जमदग्निपुरी की चार कवितायेँ

बचपन का सपना ———————— बचपन में सोंचा करते थे, पता नहीं कब सयान होगें। पता नहीं…

विद्या गुप्ता की कवितायेँ

कविता-1 शुक्रिया….!! पावस तुम आए  घर गगन तक पावन सोंधी माटीगंध भर लाये पतझड़ हुए मन…

रजनी साहू “सुधा” की तीन कवितायेँ

मैंनें बस्तर को बोलते सुना है । बस्तर कह रहा है कि, मैं भारत के मानचित्र…

मोहम्मद मुमताज़ हसन की कवितायेँ

‘अम्न के दुश्मन’    ( 1 ) जाति-धर्म/भाषा के नाम पर लड़ने वाले अम्न के दुश्मनों…

रश्मि विपिन अग्निहोत्री की कवितायेँ

कविता-1 कुछ इस कदर मर्यादा रखो । तहज़ीब औरों से ज्यादा रखो । ग़र जीतना है…