बस्तर क्षेत्र की विशिष्ट चित्रकारी के पर्याय बने श्री वेंलगूर मण्डावी जो रहते हैं सुदूर बस्तर के नारायणपुर जिले के गांव में। अपनी परंपराओं को सहेजने की कोशिश उनकी चित्रकारी नित नयी ऊंचाई छू रही है। वे आदिम परंपराओं के संरक्षक बन कर आगे आये हैं। इस तरह के पारंपरिक चित्र गांवों में लोग अपने घरों की दिवार में, पूजा घर में और मृतक की कब्र में बनाते हैं। कुछ चित्र तो शादी विवाह में भी बनाए जाते हैं। इन चित्रों का उद्देश्य बुरी आत्माओं के प्रभाव से बचाव होता है या फिर अपने इष्टदेव का सम्मान। मण्डावी जी के हाथों ने कलात्मकता की ऊंचाई पा ली है।