कहानी -छत्रसाल साहू

जू जू मेन..(एक नाईजीरियन कहानी)

इपे से लेक्की फ्री इकोनॉमी जोन तक प्राकृतिक गैस पाईपलाईन का काम तेज गति से चल रहा था और लगभग तीस किलोमीटर का काम बचा हुआ था कि सुबह सुबह ही जाॅन का फोन आ गया की, सर, पैंतीस किलोमीटर पर रात में किसी ने जू जू लगा दिया है और काम रुक गया है।
जू जू एक काला जादू प्रथा है। यह अफ्रीका के कई देशांे में प्रचलित है। जू जू कई तरह से किया जाता है और उपयोग मे लाया जाता है। जू जू करने और बनाने के विशेषज्ञ होते हैं और वही इस जादू को पूर्ण करते हैं। अगर जू जू कहीं लगाया है तो कोई हटाने के लिए तैयार नहीं होता।
मैं घर से निकल कर सीधा साईट पर गया तो जाॅन और स्थानीय मजदूर मेरी प्रतीक्षा कर रहे थे। मैंने देखा अंडरग्राउंड पाईप जहाँ से हमें आज का काम शुरु करना था पर लाल कपड़ा बंधा था, एक मिट्टी का घड़ा और फल, बेल, हरी पेड़ की टहनी रखी हुई थी। एक स्थानीय व्यक्ति को दस हजार नायरा देकर जू जू हटाया गया और फिर काम आगे बढ़ा।
लेकिन कहानी यह नहीं है।
एलीना, ओरू और इफोरिड एक ही गाँव में रहते हैं। यह गाँव अफ्रीका के नाईजीरिया में कालाबार प्रशासनिक क्षेत्र मंे आता है और एक आदिवासी क्षेत्र है। हमारे तीनों पात्र एक ही आयु के है। एलीना एक सुंदर नवयुवती है जो कालाबार के जंगलों की तरह अल्हड़ और उन्मुक्त नाईजर नदी की तरह हमेशा थिरकते रहती है। ओरू तथा इफोरिड उससे विवाह करना चाहते है।
एलीना का झुकाव ओरू की तरफ है और वह उससे कई बार मिल चुकी है। ओरू एक सामान्य कदकाठी का नवयुवक है और इफोरिड एक हष्ट-पुष्ट लम्बे कद का पुरूष जिस पर उसे घंमड है और गाँव में सब पर दादागिरी करता रहता है।
आज इफोरिड ने ओरु और एलीना को एक साथ गाँव के मुख्य स्थान जहाँ गांव के एक चबूतरे पर लोग बैठ कर समय व्यतीत करते, पर बैठे देखा तो आग बबूला हो गया और आकर एलीना को घर जाने और आज के बाद ओरू से ना मिलने का आदेश देने लगा।
एलीना-‘’तुम मुझे ऐसा आदेश नहीं दे सकते। मैं किसी से भी मिलंू, तुम्हें इससे कुछ मतलब नहीं होना चाहिए।‘’
इफोरिड अपनी दांयें हाथ की उंगली एलीना को दिखाते हुए बोला- ’’मैं जैसा चाहता हूँ तुम वैसा ही करो।’’
इस बीच ओरू ने कुछ बोलना चाहा यह भांपते ही इफोरिड का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया और वह ओरू से भिड़ गया तथा ओरु की पिटाई कर दी। ओरू को काफी चोट आई। एलीना के बीच बचाव से इफोरिड शांत हुआ लेकिन ओरु को फिर देख लेने और एलीना से दूर रहने का आदेश देते गया, जैसे एलीना कोई वस्तु हो।
उसे लगा एलीना उसके इस (अनुचित) शौर्य प्रदर्शन से प्रभावित हो गई होगी और ओरू से अब दूर रहेगी।
इस घटना का उल्टा ही प्रभाव पड़ा और एलीना और ओरू का प्रेम बढ़ता ही गया।
इफोरिड इससे परेशान हो गया वह एलीना को नहीं खोना चाहता था, अथवा एक दिन वह अपने माता पिता के साथ, बहुत सारे उपहार और दो सौ हजार नायरा ले कर एलीना के घर विवाह प्रस्ताव लेकर पहुंच गया। एलीना ने अपने पिता से इस विवाह से साफ इंकार कर दिया।
अब निराश होकर इफोरिड जू जू मेन ( मनुष्य) के पास गया और एलीना को बस में करने की दवा बनाने कहा।
नाइजीरिया की लोक कथाओं मैं जू जू का विशेष उल्लेख है, जैसे एक गरीब किसान और उसका परिवार हमेशा आधा पेट ही खाना खा पाते थे तभी किसान को एक जू जू का पाम ट्री मिल जाता है और वह सिर्फ दिन में एक बार ही भरपूर खाना देगा अगर दुबारा लेने गये तो उसका जू जू खत्म हो जायेगा। किसान के बेटे ने लालच में पिता के पीछे-पीछे जाकर वह पाम ट्री देखा और एक बार दुबारा भोजन लेने पहुंच गया और जू जू खत्म हो गया।
इफोरिड जू जू मेन से जू जू का उद्देश्य समझा रहा था और जू जू मेन ने दवा दो दिन बाद देने की बात की और कहा दवा को एलीना को कैसे खिलाना है यह इफोरिड का काम है।
इसकी भनक ओरू को भी लग गई तो वह बेचैन हो गया, वह एलीना को किसी भी हाल मंे खोना नहीं चाहता था, और उसने भी जू जू मेन से दवा लेने का विचार किया तथा इफोरिड से पहले वह यह काम कर लेना चाहता था।
अतः जू जू मेन को अतिरिक्त धन देकर ओरू ने दवा दूसरे ही दिन प्राप्त कर ली।
लेकिन वह काफी परेशान और एक तरफ सोच रहा था कि क्या उसे एलिना को इस तरह प्राप्त करना चाहिए…. क्या वह मुझे छोड़कर जू जू के प्रभाव में इफोरिड से विवाह कर लेगी। जू जू अपना प्रभाव करेगा यह उसके मन में विश्वास था।
उसने अपने विचारों को झटका और एलिना को जू जू देना ही होगा सोच कर तैयार होकर, कुछ उपहार लेकर साथ में पाम ट्री वाईन में जू जू दवा मिला कर एलीना से मिलने उसके घर गया। एलीना के पिता को उपहार देकर फिर एलीना और ओरु साथ-साथ गांव से बाहर आकर नाईजर नदी के किनारे ही एक चट्टान पर बैठ गये। नदी की कल कल एक मधुर स्वर कर रही थी, पेड़ पर पक्षियों का कलरव मनोहारी था। सूर्य अपनी यात्रा कर सिंदूरी किरणों के साथ पश्चिमगामी हो रहा था, इधर ओरू ने एलीना की तरफ पाॅम ट्री वाईन का पात्र बढ़ाया और उसे पान करने का आग्रह करने लगा, इस आग्रह से एलीना कुछ उद्वेलित होने लगी और उसके के मुख पर लालिमा आने से उसका साँवला चेहरा बैंगनी होने लगा, वाइन के पात्र के साथ हाथ अधरांे की ओर बढ़ने लगा। ओरू की हृदय की धड़कन तेज हो चली थी..उसकी सांसें दूर तक सुनाई दे रही थी..पात्र एलीना के अधरों से स्पर्श कर ही रहा था, कि उसी समय तेजी से ओरू ने एलीना के हाथ से पात्र को छीन कर दूर फेंक दिया। पक्षियों का कलरव धीमा होने लगा था, उसकी जगह सरिता के सुरीले संगीतमय कल-कल ने ले ली था और ओरू की धड़कन ही वातावरण में गुंजायमान हो रही थी।
सूर्य अस्त हो चुका था, चंद्रमा का शीतल प्रकाश बिखर चुका था और चंद्रमा स्वच्छ आकाश में मुस्करा रहा था।

छत्रसाल साहू
नाइजीरिया
मो.-7407304888