छ.ग. हिन्दी साहित्य परिषद ने बुजुर्गों के साथ मनाया नववर्ष मिलन

छत्तीसगढ़ हिन्दी साहित्य परिषद द्वारा 11 जनवरी की दोपहर आस्था निकुंज वृद्धाश्रम धरमपुरा जगदलपुर में नववर्ष मिलन कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस अवसर पर बुजुर्गों को शाॅल ओढ़ाकर स्वागत किया गया और नववर्ष की बधाई दी गई. इस अवसर पर उपस्थित कवियों ने अपनी रचनायें व गीत सुनाकर बुजुर्गों का मनोरंजन भी किया.
इस कार्यक्रम में सुरेश विश्वकर्मा ने ‘पा लिया जब से तुम्हे है, मन मेरा बौरा गया’ सुनाया. इसी क्रम में डाॅ. चंद्रेश शर्मा नें छत्तीसगढ़ के बेटा हावों, गीत गाकर सुनाया. जयश्री शेण्डे ने सुनाया, बड़े बनने के लिए झुककर बड़ों का आशिर्वाद लेना सीखो. सुभाष पाण्डे ने हल्बी में कहा, आया बुआ चो आशिर्वाद ने बेटा चो बाढ़ती होयसे. उन्होंने कविता सुनायी, आमचो जीवना बेड़ा बोल चो मूसा और कोलावरी कोलावरी की तर्ज पर काय काजे कोलियारी कोलियारी भाजी खायसिस, सुनाकर सभी का मन मोह लिया.
कार्यक्रम में उपस्थित विमल तिवारी, सनत जैन, एन के यादव, रऊफ परवेज़, मोहिनी ठाकुर, जी आर ठाकुर, हितेन्द्र गायत्री आचार्य, शान्ति तिवारी एवं के.आर. तिवारी ने भी अपनी अपनी रचनायें सुनायीं. हत्बी गीतकार भरत कुमार गंगादित्य ने झोंपा झोंपा धान सुन्दर देखुन देखा कोलीरानी कसन मारे ताना गीत वृद्धाश्रम के बुजुर्गों की फरमाइश पर गाकर सुनाया.