साहित्यिक उठापटक-अंक-25

नववर्ष मिलन समारोह और कवि सम्मेलन

शनिवार की शाम, साहित्य एवं कला समाज जगदलपुर द्वारा नववर्ष के अवसर पर अंचल के कवियों को लेकर मिलन समारोह और कवि सम्मेलन आयोजित किया। सोनी गली सुभाष वार्ड में आयोजित इस कार्यक्रम में गली के सभी परिवार के सभी सदस्यों ने अपनी उपस्थिति प्रदान की।
बस्तर के उभरते ग़ज़लकार कृष्ण शरण पटेल ने अपनी ग़ज़लों की सस्वर प्रस्तुति दी। तो विमल तिवारी ने अपनी छत्तीसगढ़ी पैरोडी ’मोर दिल हे खटारा आटो’ पर खूब तालियां बटोरी। नरेन्द्र पाढ़ी ने अपनी हल्बी और हिन्दी की हास्य रचनाओं से सबको बहुत हंसाया। तो छत्तीसगढ़ में अपनी विशिष्ट शैली में अपनी वीर रस की कविताओं की प्रस्तुति से अपनी पहचान बनाने वाले युवा कवि बाबू बैरागी ने श्रोताओं में जोश भर दिया। उन्होंने कहा कि हिन्दुस्तान में हिन्दुस्तानी नहीं मरता है बल्कि उसे जाति और धर्म की नजर से देखा जाता है।
कोण्डागांव से आये हल्बी हिन्दी और छत्तीसगढ़ी के कवि श्रवण मानिकपुरी हिन्दी कविता ’तोता’ सुनाकर सबको विचार करने पर मजबूर कर दिया कि पिंजरे में एक पंछी को रखने से उसे कितना दर्द होता है। उनके साथ आये युवा अनिल यादव ने ’बापू’ कविता से बापू के योगदान को याद किया।
पद्मश्री धर्मपाल सैनी ने अपने जीवन के अनुभवों से भरी कविता प्रस्तुत की और मेहनत व एकाग्रता पर बल दिया। बस्तर अंचल के चिंतक और लेखक जयचंद्र जैन ने अपनी बात रखते हुये बताया कि सफलता के मायने क्या हैं।
हिन्दी छत्तीसगढ़ी के कवि सुरेश चितेरा ने अपनी हास्य व गंभीर रचनायें सुनाईं। नरेन्द्र यादव ने शिक्षाप्रद हिन्दी कविता के माध्यम से अपने परिवार और समाज के प्रति कर्तव्य को याद दिलाया। अवध किशोर शर्मा ने अपने दोहों और गीत से कार्यक्रम में अपनी उपस्थिति दर्ज की।
ममता मधु ने मधुर आवाज में गीत प्रस्तुत किये वहीं अपनी कविता ’खूब फटाके फोड़ना/खूब रोशनी करना/पर एक दिया/अपनी कामवाली के घर में/जाकर रखना मत भूलना, सुनायी।
चमेली कुर्रे ने अपने दोहागीत के माध्यम से नववर्ष का स्वागत किया।
कार्यक्रम में उपस्थित लाला जगदलपुरी जी के परिवार से इंजीनियर विनय श्रीवास्तव ने अपनी बेहतरीन कवितायें सुनायीं। डॉ प्रकाश मूर्ति ’पैमाना’ ने अपनी गजलों से जीवन दर्शन को उड़ेला।
कार्यक्रम का संचालन करते हुये साहित्य एवं कला समाज जगदलपुर के अध्यक्ष सनत सागर ने हास्य रस से ओत प्रोत रचनाओं के माध्यम से श्रोताओं को अंत तक बांध कर रखा था। उन्होंने कहा कि इफ्तार में पत्तलें चाटने वाले आजकल/ मंदिर में प्रसाद बांटते नजर आ रहे हैं / कौन नामुराद कहता है कि/ अच्छे दिन नहीं आ रहे हैं।
उपस्थित अतिथियों में बी. एल. विश्वकर्मा, कर्तव्य कृष रामटेके, किशोर टाटिया, मोकपाल ठाकुर सहित सोनी गली के महंतलाल श्रीवास्तव परिवार, सोनी परिवार, तिवारी परिवार, विश्वकर्मा परिवार, जैन परिवार आदि की उत्साहवर्धक उपस्थिति रही।