कृष्ण शुक्ल की कहानियों की समीक्षा

प्रस्तुत कहानियों की समीक्षा

कृष्ण शुक्ल जी की कहानियां पढ़ते हुए ऐसा महसूस होता है मानों सच्चाई का सामना हो रहा है। तीनों कहानियां समाज और देशकाल के अलग- अलग पहलू उजागर करती हैं। इन कहानियों में उस वक्त का वर्तमान एकदम सही ढंग से उजागर हुआ है। जो एक कहानीकार का कर्तव्य के प्रति जिम्मेदारी के साथ निर्वहन दिखाता है। कहानीकार सदा से ही विषयवस्तु अपने आसपास से उठाता है। और उसमें अपनी कलम से पच्चीकारी करके पाठक तक पहुंचाता है। उनके कहे अनुरूप ही उनकी कहानियां पाठक के जेहन तक पहुंचकर चोट करती हैं। इनकी कहानियों में पठनीयता का होना शानदार एप्रोच है। कहानी पढ़ना शुरू करने के बाद बंद करना नामुमकीन है। अपने शब्दों की जादूगरी से वे पाठक को अपने साथ कहानीलोक में प्रविष्ट कराने में सफल होते हैं।
कहानी में ज्यादा क्लिष्टता जानबूझ कर भरने की अपेक्षा साधारण और बोलचाल में प्रयुक्त शब्दों का चयन कर कहानी को सामान्य जन के लिए रचा है। वरना कहानियां पढ़ना भी एक काम की तरह हो जाता है।
‘कोई एक घर’ कहानी स्त्री के जीवन की कठिनाईयों को दर्शाती है जो अपने पूर्व जीवन के कठिन दौर के चलते अपने भविष्य के प्रति भी शंकित हो उठती है। अपने बच्चे के लिए उसके मन में कैसे-कैसे विचार आते हैं। वह भी इसलिए कि वह बच्चा एक ऐसे आदमी का है जिसने उसे कभी इंसान न समझा। एक ऐसा द्वंद जो नारी के लिए सांप छछूंदर की तरह है। कहानी का मूल तत्व द्वंद, कहानी को श्रेष्ठ घोषित करता है।
‘डरा हुआ महानगर’ में नायक का सामना ऐसी महत्वाकांक्षी लड़की से है जो खुद केे जीवन को अपनी तरह जीना चाहती है। नायक और नायिका के मध्य ऐसा महसूस होता है कि कुछ है परन्तु वह नायिका की महत्वाकांक्षा में रह जाता है। इस कहानी के साथ साथ कहानी में कलकत्ता के जीवन को बखूबी बताया है कि वहां किस तरह आंदोलन और सामंतशाही बराबरी से बने हुए थे। कहानी में नायिका का प्रेम की अपेक्षा आंदोलन का चुनाव वहां के आंदोलनकारी जीवन को विशेष रूप से रेखांकित करता है।
‘एक लड़की की हत्या’ शीर्षक बड़ी गहराई लिए हुए है ये बात कहानी की अंतिम पंक्तियों में स्पष्ट होती है। लड़की के औरत में बदलने के दौरान लड़की की हत्या हो जाती है क्योंकि उसे नौकरी के लिए अपना सबकुछ देना पड़ जाता है। नौकरी के प्रति मां का ये समझौता सबको सालता जरूर है पर मां द्वारा गुजारे गये जीवन की कठिनाईयों के अनुपात में छोटा दुख होता है।
लेखक द्वारा स्त्री के मन को उजागर करने की कोशिश शानदार है। स्त्री के स्वनिर्णय का फैसला खुद के उज्जवल भविष्य के लिए लिया गया है, भले ही जमाने की नजर में गलत हो सकता है। सुंदर, सजीव, उम्दा कहानियां।