अंक-5+6+7-फेसबुक वाल से

चमत्कार

चमत्कार वह नहीं था
कि कोई कहता था सिद्धपुरुष
कि कोई फल का नाम लो
और वह बता देगा

चमत्कार वह भी नहीं था
कि दिव्य शक्ति सम्पन्न सन्त
पूछता था कहाँ से आये हो पहले
फिर उसे भुट्टे की गंध आती थी

चमत्कार वह भी नहीं
कि साध्वी जिसमें
वशीकरण की सारी हदें पार कर जाती थी

चमत्कार इस युग का यही बड़ा था
कि सघन होते समय
और संघनित होती समस्याओं के साथ
बिखर गया था हौसला
और तुम अपनी झोली वहीं फैला रहे थे
जहाँ तुम्हारे ही इंतजार में
पहले से ही खुली हुई थीं हथेलियाँ!

श्री अशोक कुमार की वॉल से

प्यार के बदले यहाँ प्यार मिले
तकरार के बदले यहाँ तकरार मिले,
जिंदगी है किसी बीज की तरह ’राकेश’
बोओगे एक पर फल यहाँ हजार मिले।

डट कर संघर्ष करो जमाने में
एक मजा भी है जंग हार जाने में,
हर जंग जीतना जरुरी नही ‘राकेश’
एक खुशी भी है लड़कर टूट जाने में।,

सत्य की एक किरन मिले तो
इच्छाओं की कोई कली खिले तो,
महक उठेगा जीवन मेरा भी
मेरे टूटे दिल को कोई सिले तो।

श्री राकेश ऋषभ
की वॉल से