उनको हिम्मत की दुनिया में जाते देखा है
चुपके से गालों में राजश्री चबाते देखा है।
सार्वजनिक दुर्गोत्सव समिति आसना द्वारा आयोजित शानदार कवि सम्मेलन में कवि सनत सागर ने हास्य की इन पंक्तियों से जनता को खूब हंसाया। शारदीय नवरात्रि के मंगल अवसर पर ग्राम आसना में दुर्गा स्थापना कर प्रतिदिन पूजा पाठ एवं भजन आयोजित किया जा रहा है। उसी मंच पर बस्तर संभाग के उत्कृष्ठ कवियों को आमंत्रित कर कवि सम्मेलन आयोजित किया गया था।
गीदम से आये युवा ग़ज़लकार विशाल आवारा द्वारा ख्ूबसूरती से मंच संचालन करते हुये अपनी इस उत्कृष्ठ रचना का पाठ कर श्रोताओं की तालियां लूटी।
-मर मर कर हमने उम्र को कीमत अदा किया, करते रहे जफ़ा वो, मगर हमने वफा किया।
गीदम से ही आई युवा कवयित्री कुमारी खुशबू कस्तूरी ने अपनी सुरीले स्वर में भगवान राम के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त करते हुये पढ़ा- करती हूं वंदना करती हूं पूजा, इस धरती पर तुझसा नहीं दूजा।
छ.ग. के हरि ओम पवार कहे जाने वाले फायर ब्राण्ड कवि बाबू बैरागी ने अपनी रचना जय छत्तीगढ़ सुनाकर श्रोताओं को लगातार तालियां बजाने पर मजबूर कर दिया।
बस्तर की मुख्य बोली हल्बी के स्थापित हास्य कवि नरेन्द्र पाढ़ी ने सफेद बाल वाले छोटे कुत्ते को लेकर समाज पर शानदार व्यंग्य प्रस्तुत किया। जिसमें बताया गया कि इंसान से कहीं ज्यादा लोग कुत्ते पर रहमदिल हैं।
कवि सम्मेलन के सूत्रधार दंतेवाड़ा के युवा हास्य कवि अमित पूरब ने अपने चुटिले अंदाज में हिन्दी शायरी के हल्बी में ट्रांसलेट कर खूब हंसाया।
कवियों की इसी टीम ने एक दिन पहले ही बीजापुर के सुदूर नैमेड़ ग्राम में अपनी प्रस्तुति से खूब धूम मचायी थी।
अंत में कार्यक्रम के संयोजक सार्वजनिक दुर्गोत्सव समिति आसना व समस्त ग्रामवासियों ने उपस्थित कवियों का सम्मान किया।