बस्तर पाति अभिनंदन-2017-श्री हरीश पराशर-रक्तदान

बस्तर पाति अभिनंदन-2017

बस्तर क्षेत्र कमाल का क्षेत्र है। यहां विभिन्न प्रतिभायें मौजूद हैं और तो और उनकी सफलता की कहानी भी अद्भुत है। प्रदेश की सीमाओं को लांघ कर देश भर में खुद को स्थापित करने की होड़ लगी है। मैंने अपने पर्सनल अनुभवों से देखा की ये सभी सम्मानित जन अपनी धुन में रमे हुए हैं बगैर किसी प्रचार प्रसार के। आप सभी हमारे क्षेत्र के लिए एक प्रकाश स्तंभ हैं। अपने अपने क्षेत्र के अनमोल रत्न हैं। बस्तर पाति और साहित्य एवं कला समाज के माध्यम से आप का सम्मान मात्र इसलिए किया जा रहा है कि समाज आपकी प्रतिभा को पहचान कर अपने नये संदर्भ गढ़े, नये प्रतिमानों से देखना शुरू करे। हम शुरू करते हैं अप्रतिम सफलताओं की कहानियां!
पहले हम वर्ष 2017 के बस्तर पाति अभिनंदन के रत्नों को आपके समक्ष रखते हैं।

बस्तर पाति अभिनंदन-2017-श्री  हरीश पराशर

-रक्तदान महादान ये नारा लिए फिरने वाले हरीश भाई का दिन किसी न किसी को रक्तदान के लिए प्रेरित करने में निकलता है। आपके द्वारा स्वयं का रक्तदान न जाने कितनी किया गया है और इसके अलावा हजारों लोगों को रक्तदान के लिए प्रेरित करके उत्साहित करके आपने समाज की सेवा की है। मरीजों मरणासन्न लोगों की मदद की है। आपका योगदान मानव समाज के लिए प्रेरक है और अविस्मरणीय है। एक रक्तदाता अपना रक्त निस्वार्थ भाव से रक्त तो देता ही है और अपनी दुआएं भी मरीज को देता है। उसकी निस्वार्थ भावनाएं, हृदय से निकली पवित्र भावनाएं निश्चित ही मरीज को स्वस्थ करने अपना योगदान देती ही होंगी। मैं ये बात इसलिए भी इतने विश्वास के साथ कह रहा हूं क्योंकि मेरे द्वारा भी कम से कम तीस से ज्यादा बार रक्तदान किया जा चुका है। हरीश पराशर जी को मानव समाज की निस्वार्थ सेवा के लिए साहित्य एवं कला समाज जगदलपुर द्वारा बस्तर पाति अभिनंदन किया जाता है।