अलका पांडे की लघुकथा

कमल या कीचड़ ’समझ में ये नहीं आता कि यहाँ किसी के थोडा फेमस हो जाने…

लघुकथा-अलका पांडे

निःशब्द मैं गली के नुक्कड़ से अनाथ मिला बेबस। सुबह नाश्ते में लोगों की गालियाँ-लात अनायास…