इतनी कुंठा और निराशा ठीक नहीं सबको गाली देती भाषा ठीक नहीं। आप बड़े ज्ञानी-ध्यानी हैं…
Category: फेसबुक वॉल से
विभिन्न साहित्यकारों की फेसबुक वाल पर आयी रचनाओं को लेकर यह स्तम्भ तैयार किया जाता है
अंक-1-काव्य-सुनील गजनी
-1- एक शब्द नहीं बोली रख लिया पत्थर हृदय पे वेदना, सबकुछ कह गये शब्द, आंखों…
प्रवेशांक-मधु सक्सेना, त्रिजुगी कौशिक, ब्रजेश पाण्डे एवं सुबोध श्रीवास्तव की कवितायेँ
ये यादें मेरा पीछा नहीं छोड़ती- कोई तो ऐसा तीर्थ हो जहां मैं इन्हें अर्पण करूं…