बस्तर पाति विशिष्ट सम्मान कला और साहित्य के उन कर्मवीरों को प्रदान किया जाता है जिन्होंने अपने जीवन में अपने क्षेत्र में अपने विशिष्ट योगदान से विशिष्ट स्थान प्राप्त कर लिया है। उनके किये कार्य और उनके दिखाए मार्ग पर चलने के लिए हम सब बाध्य हो जाते हैं। वो अपने क्षेत्र में एक मील के पत्थर की तरह स्थापित हो चुके हैं।
बस्तर पाति विशिष्ट सम्मान-2017 श्री कृष्ण शुक्ल कहानीकार
कृष्ण शुक्ल जी ने उस समय अपनी धाक जमाई साहित्य के क्षेत्र में जब बैलगाड़ी से सफर तय किया जाता था। उस वक्त की स्थापित पत्रिकाओं सारिका, धर्मयुग, नई सदी, कादिम्बिनी में आपकी साठ से ज्यादा कहानियां प्रकाशित हुईं। और उनके पास देश भर से आये पत्रों से पता चलता है कि उन कहानियों को सराहा भी गया। आपने अपने समय में साहित्य के लिए जमीनी काम भी किये। आपने अपने लेखन में नई कहानियों की शैली अपनाई थी। आपकी डरा हुआ महानगर एकदम नये तेवर में रहस्यात्मक ढंग से आगे बढ़ती है। और पाठक को मजबूर करती है कि वो कहानी पढ़े।
जैसा कि वर्तमान साहित्य की विशेषता है कि एक साहित्यकार के रचे साहित्य का आंकलन बीसियों साल बाद करता है। इसलिए साहित्यिक समाज आपके देर से हुए सम्मान के लिए क्षमा चाहता है। बस्तर पाति ने ठाना है कि वो अपने बुजुर्ग साहित्यिक अवदान को समय समय पर लोगों के बीच लाता रहेगा। इसलिए बस्तर पाति ने अपने अंक 9$10 में कृष्ण शुक्ल जी पर केन्द्रित किया। वर्ष 2017 का बस्तर पाति विशिष्ट सम्मान आदरणीय श्री कृष्ण शुक्ल जी को कहानी के क्षेत्र में विशिष्ट योगदान के लिए देते हुए हम अपने सम्मान का सम्मान बढ़ाते हुए अत्यंत आल्हादित हैं।