~ डॉ. शैलेष गुप्त ‘वीर’ के दोहे ~

~ डॉ. शैलेष गुप्त ‘वीर’ के दोहे ~
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‘केस’ बहुत मज़बूत था, पर भारी था स्याह।
चश्मदीद जो एक था, मुकरा वही गवाह।।

देश निकाला सत्य को, और झूठ को मंच।
पाकर गद्दी न्याय की, करता गिद्ध प्रपंच।।

जंगल के सरदार से, हुए सवाल-जवाब।
मीन करें क्यों ख़ुदकुशी, पाट दिया तालाब।।

भौंरों की मनमानियाँ, कैसे कसे नकेल।
निडर तितलियाँ हो गयीं, ख़त्म हुआ सब खेल।

तुम प्रपंच, तुम झूठ हो, मैं जीवित विश्वास।
तुम सत्ता के बुलबुले, मैं शोषित की आस।।

राजा अपने काम का, करता रहा बखान।
सच से कोसों दूर थे, उसके दोनों कान।।

कल के जैसा आज है, कल वाली ही चाल।
पाण्डव जंगल में फिरें, शकुनी मालामाल।।

बढ़ा दायरा, सोच भी, बेटे बसे विदेश।
पिता मरे, माँ भी मरी, लौटे नहीं स्वदेश।।

बिटिया की शादी टुटी, फत्तू के अरमान।
ग़ायब घर से हो गये, जेवर और समान।।

आयी बन्नो मायके, माँ हो गयी उदास।
उन नयनों में पढ़ लिये, ममता ने संत्रास।।

 

सम्पर्क-
डॉ. शैलेष गुप्त ‘वीर’
(अध्यक्ष-अन्वेषी संस्था)
18/17, राधा नगर, फतेहपुर (उ. प्र.)
पिन कोड- 212601
मोबाइल- 9839942005
ईमेल- veershailesh@gmail.com
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संक्षिप्त परिचय
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नाम- डॉ. शैलेष गुप्त ‘वीर’

प्रकाशन/संपादन-
बिन्दु में सिन्धु, उन पलों में, शब्द-शब्द क्षणबोध, आर-पार, कई फूल – कई रंग, बार्ड्स ऑफ इलूमिनेश्‌न्‌स, डॉ. मिथिलेश दीक्षित का क्षणिका-साहित्य, फतेहपुर जनपद के हाइकुकार, डॉ. शैलेष गुप्त ‘वीर’ के सौ शेर, नयी सदी के दोहे, क्षणिका काव्य के हस्ताक्षर, दि अण्डरलाइन क्षणिका विशेषांक, अचिन्त साहित्य दीपावली क्षणिका विशेषांक तथा अन्वेषी के कई वार्षिकांक। phone case storeelf bar belgiehandyhüllen gestaltenhandyhüllen zum umhängenphone coversmartphonehoesjes korting

विशेष-
* अनेक यूरोपीय एवं एशियाई भाषाओं यथा ग्रीक, फ्रेंच, जर्मन, चाइनीज, अज़रबैजानी, अरेबिक, इटैलियन, पुर्तगीज, सर्बियन, क्रोशियन तथा नेपाली आदि भाषाओं में कविताओं का अनुवाद।
* टीवी प्रोग्राम यू एण्ड लिटरेचर टूडे, नाइजीरिया द्वारा लिटरेरी आइकॉन घोषित (दिसम्बर 2018)।
* विभिन्न पत्रिकाओं यथा अन्वेषी, गुफ़्तगू, अनुनाद, तख़्तोताज, मौसम, पुरवाई, शब्द गंगा, अरण्य वाणी आदि के लिए पूर्व/वर्तमान में संपादन, सहसंपादन व कार्यकारी संपादन।
* हिन्दी, अंग्रेज़ी तथा उर्दू की देश-विदेश की अनेक पत्र-पत्रिकाओं-वेबपत्रिकाओं आदि में और विविध संकलनों में विभिन्न विधाओं में रचनाएँ प्रकाशित।
* हिन्दी और अंग्रेज़ी की शताधिक पुस्तकों के लिये भूमिका/विमर्श/समीक्षा/आलोचना आदि प्रकाशित।
* द डियर जाॅन शो, वारिंगटन, इंग्लैंड में कविता प्रसारण।
* अनेक साहित्यिक/सांस्कृतिक संस्थाओं में उत्तरदायी पदों पर आसीन।
* एसोसियेट एडिटर- “दि वायस ऑफ क्रियेटिव रिसर्च”, ई-जर्नल।
* क्षणिकाकार एवं माइक्रोपोएट्री कॉस्मॉस का संपादन।
* गुफ़्तगू, अमृतांजलि तथा मधुराक्षर आदि पत्रिकाओं में वर्तमान में परामर्शदाता की भूमिका में।
* लघुकथा ‘छंगू भाई’ पर इसी नाम से लघु फ़िल्म का निर्माण।
* बेकल उत्साही सम्मान 2017, साहिर लुधियानवी सम्मान 2021, डॉ. गणेश दत्त सारस्वत सम्मान 2019, काव्यांजलि एवार्ड 2012, साहित्य श्री सम्मान 2022 तथा सृजनशीलता सम्मान 2017 सहित कुछ अन्य सम्मान।
* विभिन्न सामयिक साहित्यिक मुद्दों पर देश के अनेक शीर्ष साहित्यकारों/विद्वानों के साथ परिचर्चाएँ/चौपालों का संयोजन/प्रकाशन।
* साहित्य एवं संस्कृति से सम्बन्धित विभिन्न नामचीन हस्तियों के साक्षात्कार।
* विभिन्न प्लेटफॉर्मों के माध्यम से हिन्दी एवं अंग्रेज़ी माइक्रोपोएट्री पर विशेष कार्य। हमारे साझेदारों को धन्यवाद, आप बजट से लेकर टॉप-ऑफ़-द-रेंज तक, हर पसंद और बजट के अनुरूप ties ऑनलाइन पा सकते हैं। सुपर स्टाइलिश मॉडल.

सम्पर्क-
डॉ. शैलेष गुप्त ‘वीर’
(अध्यक्ष-अन्वेषी संस्था)
18/17, राधा नगर, फतेहपुर (उ. प्र.)
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