बस्तर पाति विशिष्ट सम्मान-2016
नरसिंह महंती
नरसिंह महांती-इस बस्तर की धरा में रत्नों का भंड़ार यूं ही धरा है। न तो रत्नों को अपनी फिक्र है न ही यहां किसी पारखी की नजर पहुंच पायी है। इन्हीं रत्नों में से एक हैं श्री नरसिंह महांती जी। ये रंगों के जादूगर हैं इनका रंगों से प्रेम हर वक्त एक नया चित्र गढ़ता है। इनके बनाये चित्रों में फ्रीहेण्ड रचनाक्रम होता है। ये अपने हुनर में इस कदर सिद्धहस्त हैं कि मात्र एक दृष्टि डालते ही किसी भी दृश्य को हू ब हू केनवास पर उतार देते हैं। एक पल में देखा चेहरा हू ब हू केनवास पर बना सकते हैं। वे जितने एक्सपर्ट वाटर कलर में हैं उतने ही एक्रेलिक और आयल पेंट में भी हैं। प्राकृतिक सौंन्दर्य के प्रेमी महांती जी अपने चित्रों से दर्शक को भी खींंचकर अपने बनाये चित्र में समाने पर मजबूर कर देते हैं। शायद कला में डूबे व्यक्ति का व्यक्तित्व ही संकोची हो जाता है और वह सार्वजनिक मंचों से दूर रहता है। बड़ी मुश्किल से इस मंच पर वे पधारे हैं। इनको सम्मान देना हमारा सम्मान बढ़ाता है। शासकीय सेवा से निवृत्त होने के बाद महांती जी अपने घर मानसिंह गली पथरागुड़ा में ड्राइंग व पेन्टींग की क्लास लेते हैं और अनुरोध पर पोट्रेट भी बनाते हैं। जो पेन्टींग के क्षेत्र में कुछ विशिष्ट करना करना चाहते हैं वे सम्पर्क कर सकते हैं। यहां लगी प्रदर्शनी से आप उनके बनाये चित्रों में गहराई देख सकते हैं।
साहित्य एवं कला जगदलपुर आपका इस मंच पर हार्दिक अभिनंदन करता है।