लाला जगदलपुरी
जन्मतिथि-17 दिसम्बर 1920
सम्प्रति-साहित्य और लोक जीवन को समर्पित जीवन
साहित्य की वह विधा जिस पर काम किया है-
कविता, गीत, ग़ज़ल, एवं कहानी लेखन। हल्बी गोंडी आदि बोली में कविता, गीत, ग़ज़ल, एवं कहानी लेखन एवं संकलन। नाटक लेखन।
साहित्यिक उपलब्धि-
दूरदर्शन व आकाशवाणी जगदलपुर से काव्य पाठ प्रसारित। देश की अनेक पत्र-पत्रिकाओं में रचनाएं प्रकाशित, स्थानीय काव्य-गोष्ठियों में सक्रिय भागीदारी।
’अंगारा’ पत्रिका का प्रकाशन व संपादन।
नाटक में अभिनय एवं मंचन।
सम्मान-अनेक संस्थाओं द्वारा सम्मानित, मुख्य रूप से म.प्र. लेखक संघ का ’अक्षर आदित्य’ सम्मान, छत्तीसगढ़ शासन का ’पंडित सुंदर लाल शर्मा सम्मान’
प्रकाशित कृतियां-
मिमयाती जिन्दगी दहाड़ते परिवेश, पड़ाव, हमसफर, आंचलिक कविताएं,
जिन्दगी के लिए जूझती ग़ज़लें, गीत धन्वा-काव्य संग्रह। बस्तरः इतिहास एवं संस्कृति, बस्तर लोक कला साहित्य प्रसंग -बस्तर इतिहास संबंधी। बस्तर की लोक कथाएं, बस्तर की मौखिक कथाएं, हल्बी की लोक कथाएं आदि स्थानीय बोलियों की पुस्तकें।
संपर्क-
आपका बृहत, अनंत साहित्य।
कवि उवाच-
भावशून्य शब्दों का कोश,
बांट रहे हैं रीते लोग।