अंक-2-गिरीश पंकज की कविता फेसबुक वाल से

इतनी कुंठा और निराशा ठीक नहीं सबको गाली देती भाषा ठीक नहीं। आप बड़े ज्ञानी-ध्यानी हैं…

अंक-1-काव्य-सुनील गजनी

-1- एक शब्द नहीं बोली रख लिया पत्थर हृदय पे वेदना, सबकुछ कह गये शब्द, आंखों…

प्रवेशांक-मधु सक्सेना, त्रिजुगी कौशिक, ब्रजेश पाण्डे एवं सुबोध श्रीवास्तव की कवितायेँ

ये यादें मेरा पीछा नहीं छोड़ती- कोई तो ऐसा तीर्थ हो जहां मैं इन्हें अर्पण करूं…