क्षणिकाएं 1 सुख के दिन उड़े फुर्र से सुख के दिन ज्यों उड़ी गौरैय्या टहनी पर…
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क्षणिका-डॉ जयसिंह अलवरी
निर्दोष वह न चोर था न कातिल न गुनाहगार फिर भी उसे दोषी ठहराया गया क्योंकि…
क्षणिकाएं 1 सुख के दिन उड़े फुर्र से सुख के दिन ज्यों उड़ी गौरैय्या टहनी पर…
निर्दोष वह न चोर था न कातिल न गुनाहगार फिर भी उसे दोषी ठहराया गया क्योंकि…